शिक्षा कॉन्क्लेव-2025 में चमके युवा किसान धर्मेंद्रसिंह, जैविक खेती को बताया भविष्य
शिक्षा कॉन्क्लेव-2025 में चमके युवा किसान धर्मेंद्रसिंह, जैविक खेती को बताया भविष्य
देवास। इंदौर में स्थित होटल में "शिक्षा कॉन्क्लेव-2025" का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े देशभर के विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं के साथ-साथ प्रगतिशील किसानों ने भी भाग लिया। 21वीं सदी की शिक्षा, डिजिटल लर्निंग और स्किल डेवलपमेंट जैसे अहम विषयों पर विचार-विमर्श हुआ। कॉन्क्लेव में शिक्षा का भविष्य, डिजिटल लर्निंग का प्रभाव, स्किल डेवलपमेंट और रोजगार जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई। पत्रकार अजय प्रताप सिंह ने इसे समग्र शिक्षा में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा सम्मानित युवा किसान धर्मेन्द्रसिंह राजपूत को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। अतिथियों ने उनका सम्मान किया। उन्होंने जैविक और प्राकृतिक खेती के महत्व पर बताया कि आज के समय में खेती केवल अन्न उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य, पर्यावरण और रोजगार से जुड़ा व्यापक विषय बन चुका है। मैं स्वयं रासायनिक उर्वरकों से हटकर जैविक और प्राकृतिक पद्धति से खेती कर रहा हूं। इससे न केवल जमीन की उर्वरता बढ़ी है बल्कि फसल की गुणवत्ता भी बेहतर हुई है। हमें किसानों को जागरूक करना होगा कि वे इस पद्धति को अपनाएं, जिससे हमारी आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित भोजन और समृद्ध पर्यावरण मिल सके। धर्मेन्द्र सिंह ने यह भी बताया कि वे कई युवाओं को प्राकृतिक खेती से जोड़ चुके हैं और आगे भी प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से यह अभियान जारी रहेगा। उनके नवाचारों और समर्पण के लिए उन्हें मप्र शासन द्वारा पहले भी अनेक बार सम्मानित किया जा चुका है।
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