देवास जिला न्यायालय ने दिया बाबा महाँकाल के पक्ष में फैसला
देवास(चेतन राठौड़)।न्यायालय ने एक चर्चित प्रकरण में अपना फैसला सुनाया है अतिरिक्त शासकीय अभिभाषक मनोज श्रीवास ने बताया कि महांकालेश्वर,मंगलेश्वर, बृहस्पतेश्वर मंदिर उज्जैन जिला उज्जैन की कृषि भूमि देवास जिले रालामंडल में स्थित है जिसमे प्रबंधक के रूप में देवास कलेक्टर का नाम अंकित है। वाद प्रस्तुत करने वाले शिवनारायण पिता अम्बाराम,अरविन्द्र पिता शिवनारायण निवासी रालामंडल ने उक्त कृषि भूमि को 1377 में रियासत स्टेट के राजा द्वारा माफी भूमि को मूर्ति महाकालेश्वर उज्जैन पर बिल पत्र व पूजा हेतु दी गई थी व कृषि भूमियों पर खेती कर मंदिर में बिल पत्र पूजन सामग्री की व्यवस्था व परिवार का पालन पोषण हेतु दी जिससे पालन पोषण चला आ रहा है हमारे पूर्वज 700 वर्ष से खेती कर रहे है ।
शिवनारायण और अरविन्द्र वर्तमान नि अंकपा मार्ग जिला उज्जैन ने देवास जिला न्यायालय में देवास कलेक्टर, तहसीलदार,राजस्व निरीक्षक पटवारी ग्राम रालामण्डल को पक्षकार बनाकर वाद प्रस्तुत किया था।
वाद में प्रबंधक के रूप में दर्ज कलेक्टर का नाम अंकित किये जाने के आदेश 27/4/2016 को निरस्त करने व भूमि पर पुजारी को कृषि करने का अधिकार के संरक्षण हेतु निषेधाज्ञा एव भूमि की निलामी की कार्यवाही स्थाई रूप से रोकने की मांग न्यायालय से कि थी,साथ ही भूमि पर कब्जा दिलाने सहित उक्त भूमि पर खेती करने के लिए न्यायालय में सन 2016 को प्रस्तुत किया था।
न्यायाधिश प्रियांशु पांडे द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड देवास ने सितंबर 2023 को वादी शिवनारायण,अरविंद के वाद को निरस्त करते हुए यह तर्क रखा कि वादीगण द्वारा पुजारी नियुक्त सम्बन्धीत कोई पुख्ता दस्तावेज प्रस्तुत नही है व पुजारी की हैसियत से खेती करने व न्यायालय से घोषणा प्राप्त करने का अधिकार नही रखता है।
इससे असंतुष्ठ होकर शिवनारायण,अरविंद ने प्रधान जिला न्यायाधीश देवास मधुसूदन मिश्र के न्यायालय में अपील प्रस्तुत कि थी जिसमे फैसला सुनाते हुए 16 अप्रैल 2024 अपील को निरस्त कर व्यवहार न्यायालय के फैसले को यथावत रखा। दोनों ही न्यायालय में वादिगण कोई भी ठोस प्रमाण प्रस्तुत नही कर पाया। मंदिर के स्वामित्व की कृषि भूमियों जिसकी किमत करोड़ो है मंदिर के अधीन ही रहेगी।उक्त प्रकरण में शासन की और से अतिरिक्त शासकीय अभिभाषक मनोज श्रीवास ने सफल पेरवी की।
वर्तमान में मंदिरो की भूमियाँ जिनकी किमत आज करोड़ो में है जिनके सरक्षण हेतु प्रबंधक जिलाधीश का नाम प्रबंधक के रूप मै दर्ज किये जाने के शासन के आदेश भी पूर्व मै किये गये है।
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