1996 से बिना रुके कर रहे अमरनाथ यात्रा
इस बार पैदल निकले ठाकुर-बोले जब तक सांस चलेगी तब तक बाबा के दर्शन करूंगा
देवास। जय बाबा अमरनाथ बर्फानी भूखे को अन्न प्यासे को पानी का नारा या कहे जयकारा जिससे हर शिव भक्त भली भाती परिचित होगा खासकर बाबा अमरनाथ के भक्त शहर में एक भक्त ऐसा है जो निरंतर हर वर्ष अपनी बाबा अमरनाथ की यात्रा कर अपनी भक्ति का परिचय दे रहा है। हम बात कर रहे है बाबा अमरनाथ जी बर्फानी के परमभक्त मां शिव शक्ति सेवा मंडल के सदस्य, एक सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक एवं राष्ट्रवादी कार्यकर्ता के रूप में आपकी अमिट पहचान बनाने वाले शहर के आनंद सिंह ठाकुर की जो वर्ष 1996 से निरंतर बाबा अमरनाथ की यात्रा कर रहे है। श्री ठाकुर हर वर्ष अमरनाथ की यात्रा तो करते ही है साथ में अन्य भक्त जो अमरनाथ जाते है उनकी हर प्रकार से सहायता भी करते है। श्री ठाकुर चार बार मोटर सायकल व एक बार सायकल से अमरनाथ की यात्रा कर चुके है और इस वर्ष जय बाबा अमरनाथ बर्फानी, बम बम भोले के जयकारों के बीच वह पैदल अमरनाथ यात्रा के लिए निकले है। 21 जून की अल सुबह शुरू हुई यात्रा से लंबा सफर तय कर ठाकुर अगस्त माह के अंतिम दिनों में यात्रा पूर्ण कर पवित्र अमरनाथ गुफा में दर्शन करेंगे।
1996 से निरंतर कर रहे अमरनाथ यात्रा :
शहर के ठाकुर वर्ष 1996 से निरंतर अमरनाथ यात्रा कर रहे है। बीच में कुछ वर्ष ऐसे भी आए जिनमे यात्रा की परिस्थिति अच्छी नही थी परंतु ठाकुर के दृढ़ संकल्प के सामने वह कुछ भी नही थी कठिन से कठिन परिस्थितियों, प्राकृतिक एवं मानवीय आपदा काल भी आपकी अमरनाथ धाम की अनवरत पवित्र यात्रा को रोक नहीं पाया। अमरनाथ यात्रा को कई बार आतंकियों ने निशाना बनाया एक बार तो जब आतंकी हमला हुआ था उस समय ठाकुर उनके अन्य साथी वही मौजूद थे। आतंकियों एवं सेना में मुठभेड़ चली गोलीबारी भी हुई जिसके बाद सेना ने आतंकियों को मार गिराया था जिसके बाद शुरू हुई यात्रा में ठाकुर ने उनके साथियों के साथ बाबा अमरनाथ के दर्शन किए। अमरनाथ पर आतंकी हमले हुए लेकिन ठाकुर के अमरनाथ यात्रा पर जाने का सिलसिला नहीं रुका। वही वर्ष 2020 व 2021 जब वैश्विक संकट कोरोना काल था तब भी वह नही रुके और अमरनाथ यात्रा पर जाने का फैसला किया। वर्ष 2020 में वह पठानकोट तो वर्ष 2021 में वह यात्रा के दौरान बालटाल तक ही जा सके थे। वर्तमान वर्ष 2022 में फिर वह यात्रा पर निकले और यात्रा पूरी की। श्री ठाकुर बताते है जब तक उनकी सांसे चलती रहेगी और शरीर साथ देगा तब तक वह बाबाअमरनाथ जी की पवित्र यात्रा करते रहेंगे।
पूरी यात्रा करते है पैदल :
कठिन यात्राओं में से एक यात्रा में अमरनाथ गुफा तक पहुंचने के लिए दो मार्ग निर्धारित है एक पहलगाम से दुसरा बालटाल से पहलगाम से पवित्र अमरनाथ गुफा की दूरी 48 किलोमीटर वही बालटाल वाले मार्ग से पवित्र अमरनाथ गुफा की दूरी 14 किलोमीटर यात्रा के दौरान अनेक साधन एवं संसाधन वहा उपलब्ध रहते है परंतु परिस्थिति कैसी भी हो वह उनका उपयोग न करते हुए की पूरी यात्रा पैदल ही करते है।
प्लेन से लेकर पैदल तक :
श्री ठाकुर वर्ष 1996 से निरंतर करने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए अलग अलग माध्यम से यात्रा संपन्न की है जिसमे ठाकुर ने हवाई जहाज, ट्रेन, चार पहिया वाहन के साथ चार बार मोटर सायकल के साथ यात्रा संपन्न करने के बाद ठाकुर इस वर्ष पैदल अमरनाथ यात्रा पर निकलें है।
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