देवास के एक भक्त की याचिका,माॅं के दरबार में लगाई गुहार


देवास(चेतन राठौड़)।नवरात्र पर्व के समापन के बाद जब दान पेटियों को खोला गया तो एक ऐसा पत्र निकला जो कि अब सुर्खियां बटोर रहा है उस पत्र में लिखा है कि...

कभी स्वच्छता में नाम कमाने वाला देवास अब पोस्टरों, होर्डिंगों और अतिक्रमणों के बोझ तले कराह रहा है। शहर की गलियों से लेकर मुख्य मार्गों तक,नेताओं की मुस्कराती तस्वीरों ने ऐसे कब्जा किया है जैसे विकास ने अब शहर छोड़ दिया हो।

अज्ञात भक्त ने माँ के दरबार में प्रार्थना की माॅं तेरे शहर के सांसद, विधायक, महापौर और जिम्मेदार अधिकारी सबको थोड़ी सद्बुद्धि दे ताकि तेरे सुंदर शहर की सुंदरता वापस लौट सके।भक्त का यह व्यंग्यात्मक पत्र पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग कह रहे हैं कि यह तो देवास की जनता की सामूहिक वेदना है जिसे अब शब्द मिले हैं।

तो कुछ शहरवासी हंसी में कह रहे हैं अगर नेता नहीं सुधरे तो शायद अब माँ ही प्रशासन की बैठक लेंगी।भक्त की याचिका उस समय आई जब फ्लेक्स और अतिक्रमण मुद्दा देवास के चौराहे से लेकर गलियों में गूंज रहा है। अब लोगों का कहना है कि जब जनता की कोई सुनने वाला नहीं तो अंत में मां के दरबार में ही आवेदन लगाना होगा।



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