भाजपा व कांग्रेस में फिर छिड़ी जंग
एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए बयानबाजी का दौर जारी
बीजेपी की प्रेसवार्ता,कांग्रेस का मुंडन कार्यक्रम
देवास। ओबीसी आरक्षण को लेकर मध्यप्रदेश में राजनीति माहौल बड़ा रूप लेते साफ नजर आ रहा है। जहां एक ओर कांग्रेसी इसे भाजपा की विफलता बता रही हैं तो दूसरी ओर भाजपा इसे कांग्रेस की नाकामी से जोड़ रही है। तर्क पर आधारित राजनीति का यह खेल जारी है।आज शहर में कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण समाप्त होने से व्यथित होकर कांग्रेस पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेेश सचिव विजयसिंह चौहान द्वारा अपना मुंडन कराया गया।दूसरी ओर भाजपा द्वारा प्रेस वार्ता आयोजित की गई जिसमें सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा की ओबीसी मतदाताओं पर कांग्रेस का झूठ उजागर हुआ है भाजपा हमेशा पिछड़ा वर्ग को उचित सम्मान करती आई है ओर करेगी।दोनों ही दलों द्वारा अब पूरा फोकस ओबीसी मतदाताओं पर है क्योकी आने वाले पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी मतदाता सीटों को प्रभावित करते साफ नजर आ रहे है।
बीजेपी ने ली प्रेस वार्ता,कांग्रेस को घेरा
देवास बीजेपी कार्यालय पर आरक्षण मुद्दे को लेकर प्रेस वार्ता ली गयी।बताया कि नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण करने के संबंध में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर म.प्र. सरकार पारित आदेश में संशोधन का आवेदन दायर करके पुन: अदालत से आग्रह करेगी कि म.प्र. में ओबीसी आरक्षण के साथ ही पंचायत एवं स्थानीय निकाय चुनाव संपन्न हों। इस अवसर पर प्रदेश प्रवक्ता महेन्द्रसिंह सौलंकी, भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव खण्डेलवाल , देवास विधायक गायत्रीराजे पवार, पिछडा वर्ग मोर्चा जिलाध्यक्ष जुगनू गोस्वामी, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष राम सोनी उपस्थित रहे। तीनों नेताओं ने बिंदूवार जानकारी देते हुए बताया कि भाजपा की सरकार ओबीसी वर्ग को अपना हक दिलवाने के लिए कृत संकल्पित है। सभी ने एक स्वर में कहा कि भाजपा उच्चतम न्यायालय के आदेश का अक्षरश: पालन करेगी और पार्टी निकाय चुनावों में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का वादा पूरा करेगी। बिना ओबीसी आरक्षण के नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव कराये जाने की वर्तमान परिस्थिति कांग्रेस के कारण निर्मित हुई है। म.प्र. में तो 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के साथ पंचायत चुनाव प्रक्रिया चल ही रही थी एवं सरकार द्वारा इसके अंतर्गत वार्ड परिसीमन वार्डों का आरक्षण महापौर तथा अध्यक्ष का आरक्षण मतदाता सुची तैयार करना आदि समस्त तैयार कर ली गई थी। यहा तक की ओबीसी एवं अन्य उम्मीदवारों द्वारा नामांकन भी दाखिल कर दिया गया था, किन्तु कांग्रेस इसके विरूद्ध हाई कोर्ट ओर सुप्रीम कोर्ट गई, जिससे होने वाले चुनाव प्रभावित हुए एवं व्यवधान उत्पन्न हुआ।
मुंडन कराया,मौैन धरना दिया
भारतीय जनता पार्टी की सरकार मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को समाप्त करना चाहती है। शिवराजसिंह चौहान पहले ही सरकारी नोकरियों ओर शिक्षा में कमलनाथ सरकार के समय दिए गए आरक्षण को अदालतों में कमजोर पैरवी करके धीरे धीरे खत्म करती जा रही है। वही तरीका पंचायत चुनाव में अन्य पिछडा वर्ग के आरक्षण को समाप्त करने के लिए अपनाया गया है। कांग्रेस पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेेश सचिव विजयसिंह चौहान के नेतृत्व में कांग्रेस के बैनर तले स्थानीय भीमराव अम्बेडकर प्रतिमा के सामने एक घंटे का मौैन धरना दिया तथा अपना मुंडन कराया। उन्होंने कहा कि 10 मई 2022 को उच्चतम न्यायालय ने बिना ओबीसी आरक्षण के ही पंचायत चुनाव कराने का आदेश दिया। असल में मध्यप्रदेश की शिवराजसिंह चौहान सरकार ने इस विषय में लगातार उच्चतम न्यायालय में अन्य पिछडा वर्ग का पक्ष सही तरीके से नहीं रखा ओर जानबूझकर असंगत आंकडे पेश करके ऐसी स्थिति उत्पन्न कर दी कि न्यायालय से इस तरह का फैसला आए। भाजपा की सरकार ने ओबीसी के खिलाफ यह जो काम किया है वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के गुप्त एजेंडे का हिस्सा है। कांग्रेस पार्टी ने जब भी ओबीसी वर्ग को कोई अधिकार दिया है तब तब बीजेपी ने चोरी के रास्तेे से ओबीसी से वह अधिकार छीनने का काम किया है। 2003 में कांगे्रस की सरकार ने ओबीसी का आरक्षण बढ़ाकर 14 प्रतिशत से 27 प्रतिशत किया था लेकिन उसके बाद से बनी बीजेपी सरकारों ने अगले 15 साल में अदालतों में एकदम खराब पैरवी करके ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण को समाप्त हो जाने दिया।इस अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी, प्रदीप चौधरी, अनिल गोस्वामी, दीपेश कानूनगो, दिग्विजयसिंह झाला आदि उपस्थित थे।
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