बार काउंसिल ऑफ इण्डिया द्वारा आयोजित संगोष्ठी में देवास के विधि विद्यार्थियों ने लिया भाग
अदालतों को नवीन तकनीक का प्रयोग करना चाहिए
देवास। शा. विधि महाविद्यालय देवास के विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों द्वारा बार काउंसिल ऑफ इंडिया के द्वारा आयोजित संगोष्ठी SYMPOSIUM ON ‘COURT’S TECHNOLOGY AND ‘ACCESS TO JUSTICE’: CHANGING PERSPECTIVES SYMPOSIUM ON ‘COURT’S TECHNOLOGY AND ‘ACCESS TO JUSTICE’: CHANGING PERSPECTIVES दिनांक 8 मई रविवार को ब्रिलियेन्ट कनवेन्शन सेन्टर इन्दौर में सहभागिता की गई। इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस ए.एम.खानवीलकर थे। साथ ही उच्चतम न्यायालय के जस्टिस जे.के.माहेश्वरी, म.प्र.उच्च न्यायालय मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रवि मलिमथ एवं अन्य राज्यों मुख्य न्यायाधीशगण गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में उपस्थित थे। संगोष्ठी के समन्वयक प्रताप मेहता, मेम्बर बार काउंसिल ऑफ इंडिया, नई दिल्ली रहे। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की स्थापना के बाद यह पहला मौका था जब 13 राज्यों के अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के न्यायाधीश एंव मध्यप्रदेश के सभी जिलों के बार एसोे. के सदस्यगण और जिला न्यायाधीशगण भी उपस्थित थे। उपरोक्त संगोष्ठी में सभी वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि अब समय आ गया है कि अदालतों को नवीन तकनीक का प्रयोग करना चाहिये जिससे समय और धन की बचत हो सके, साथ ही शीघ्रताशीघ्र न्याय प्रदान किया जा सके।
कार्यक्रम में देवास महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजय कुमार चौहान, प्रो. अर्पित जैन, डॉ. आशीष बृज, डॉ. भारती जोशी, प्रो. चाँदमल भालोट एवं महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने सहभागिता की।
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