गौवंश का अवैध परिवहन करने पर सजा व जुर्माना
देवास।वर्ष 2015 के गौवंश के अवैध परिवहन के मामले में न्यायालय ने आज आरोपियों को सजा के साथ अर्थदण्ड से दण्डित किया। न्यायिक मजिस्टेट प्रथम श्रेणी जिला देवास द्वारा शनिवार 28 मई को निर्णय पारित किया गया। जानकारी देते हुए जिला मीडिया सैल प्रभारी/एडीपीओ देवास ऊदल सिंह मौर्य ने बताया गया कि आरक्षी केन्द्र बरोठा जिला देवास के सहायक उपनिरीक्षक दिनांक 10 मई 2015 को अपने साथी आरक्षक के साथ देहात गश्त पर थे। उसी दौरान डबल चौकी के समीप उन्हें मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि एक सफेद रंग के टाटा 207 वाहन क्रमांक एम.पी.09 जी.एफ.8905 में तिरपाल से ढककर गौवंश के केडों (बछडों) को वध करने हेतु इंदौर के रास्ते महाराष्ट्र की ओर ले जाया जा रहा है। शाम को उक्त वाहन को आता देख उसे रोका और उसमें बैठे चालक और अंदर बैठे एक अन्य व्यक्ति का नाम पता पूछा तो उन्होने अपना नाम क्रमशः अनिल पुत्र देवानन्द गुप्ता एवं अन्तर सिंह पुत्र सिंधी गरोडिया बताया। पूछने पर वे कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके तो वाहन का तिरपाल हटाकर देखने पर उसमें 4 गोवंश के बछडे क्रूरतापूर्वक ढूंसकर भरे हुए पाए गये जिनके मुंह रस्सी से बंधे थे। मौके पर पशुओं एवं वाहन से संबंधित कोई दस्तावेज प्रस्तुत न किए जाने के कारण उक्त पंच साक्षियो के समक्ष अनुसंधान अधिकारी ने पशु एवं वाहन जप्त किये एवं अभियुक्तगण को गिरफ्तार किया गया। प्रकरण पंजीबद्ध कर अन्वेषण में लिया गया। जप्तशुदा पशुओं का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया, वाहन के फोटोग्राफस लिए गये, जप्तशुदा पशुओं को स्थानीय खाटूश्याम गौशाल के सुपुर्द किया गया,समस्त कार्यवाही उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
न्यायिक मजिस्टेट प्रथम श्रेणी जिला देवास द्वारा दिनांक 28मई2022 को निर्णय पारित करते हुये आरोपीगण अनिल एवं अन्तर सिंह को धारा 6 सहपठित धारा 9 म.प्र. गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम, 2004 के अपराध में 1-1 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000-5000/- रूपये से दण्डित किया गया एवं धारा 11(घ) पशु क्रूरता निवारण अधिनियम,1960 में प्रत्येक आरोपीगण को 50-50/- रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
उक्त प्रकरण में शासन की ओर से ऊदल सिंह मौर्य, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी जिला देवास द्वारा पैरवी की गई तथा आरक्षक साजन का विशेष सहयोग रहा।
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