..ताकि बना रहे जंगल का संतुलन
खिवनी अभयारण्य मे चित्तल हिरण का आना लगातार जारी
देवास। वन्यप्राणी अभ्यारण्य खिवनी के वन क्षेत्र मे शाकाहारी एवं मांसाहारी वन्यप्राणी के अनुपात को संतुलित स्तर पर बनाये रखने के लिए 100 चित्तल हिरण (स्पॉटेड डियर),अन्य संरक्षित क्षेत्र से प्राप्त करने का आदेश हुआ था उसी कड़ी मे मुख्य वन संरक्षक उज्जैन एवं वन मंडल अधिकारी देवास के मार्गदर्शन मे चित्तल हिरण का दूसरा जत्था खिवनी अभ्यारण्य को प्राप्त हुआ।पूर्व मे भी 9 चित्तल हिरण नरसिंह गढ़ अभयारण्य से प्राप्त हुए थे। जिले के एक मात्र वन्यप्राणी अभ्यारण्य खिवनी जो कि मांसाहारी वन्यप्राणीयो बाघ एवं तेंदुए का स्थाई निवास स्थल बन चुका है तथा वर्तमान मे हुए बाघ आंकलन के आंकड़ों को देखते हुए अभयारण्य मे 5 से अधिक बाघ एवं 20 से अधिक तेंदुए होने का अनुमान है तथा अभ्यारण्य मे मांसाहारी वन्यप्राणी की संख्या लगातार बढ़ रही है जिसे देखते हुए 100 चित्तल हिरण खिवनी अभ्यारण को प्रदाय करने के आदेश हुए थे, जिसमे से पूर्व मे 9 और 16 चित्तल हिरण का वेटरनरी डॉक्टर एवं वन स्टाफ की उपस्थिति मे सफलतम स्थानांतरण हुआ।
अधीक्षक वन्यप्राणी अभ्यारण्य खिवनी राजेश मंडावलिया ने बताया कि शाकाहारी वन्यप्राणी की संख्या बढ़ने से मांसाहारी वन्यप्राणी को जंगल के भीतर पर्याप्त भोजन उपलब्ध होगा एवं वे जंगलो से बाहर नही निकलेंगे जिससे की ह्यूमन एनिमल कॉन्फ्लिक्ट की संभावनाएं कम होगी। साथ ही जंगल सफारी के लिए आने वाले टूरिस्ट को भी वन्यप्राणी को प्रत्यक्ष रूप से देखने की संभावना भी बढ़ेगी। वन्यप्राणी खाद्य श्रंखला मे शाकाहारी वन्यप्राणियों का महत्वपूर्ण स्थान है, इनकी उपस्थिति खाद्य श्रृंखला को मजबूती प्रदान करेगी।
टिप्पणियाँ