बाबा महाकाल की नगरी में महाशिवरात्रि पर बनेगा विश्व रिकॉर्ड

 

आयोजन की जानकारी देते हुए मंत्री डॉ. यादव

गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड की टीम उज्जैन पहुँची

उज्जैन। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में महाशिवरात्रि की तैयारियां लगभग पूर्ण होने को हैं। 1 मार्च 2022 महाशिवरात्रि पर्व को ऐतिहासिक बनाने के लिए 21 लाख दीपों से बाबा महाकाल की नगरी को रोशन किया जाएगा। जिसके लिए पुलिस व प्रशासनिक की तरफ से कार्य योजना का पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है।

जानकारी देते हुए उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के आव्हान पर यह कार्यक्रम हो रहा है। इसमें समाज के सभी वर्गों की भागीदारी रहेगी। क्षिप्रा नदी के तट पर दोनों ओर 13 लाख दीप प्रज्वलित किए जाएँगे। इसके अतिरिक्त नगर के देवस्थल महाकाल मंदिर, मंगलनाथ मंदिर, काल भैरव मंदिर, गढ़ कालिका मंदिर, सिद्धवट मंदिर, हरसिद्धि मंदिर एवं प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर दीप जलाए जाएँगे। नगर के नागरिक भी अपने घरों पर 5-5 दीप प्रज्वलित करेंगे। नागरिकों द्वारा उज्जैन नगर निगम के माध्यम से संकल्प पत्र भी भरे गए हैं।

मंदिर प्रबंध समिति द्वारा जारी किया गया रूट मेप


मंत्री डॉ. यादव ने बताया कि शिव ज्योति अर्पणम महोत्सव में व्यापक संपर्क अभियान के माध्यम से लोगों को जोड़ा गया है। लगभग 17 हजार से अधिक स्वयंसेवकों ने पंजीयन कराया है। इनमें विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, विद्यार्थी, खिलाड़ी, व्यवसायिक एवं सामाजिक संगठन, धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, सभी अखाड़ों के संतगण आदि शामिल है। प्रमुख आयोजन स्थल रामघाट पर दीप प्रज्वलन व्यवस्था लिए ब्लॉक और सेक्टर बनाए गए है। प्रत्येक सेक्टर में स्वयंसेवकों को नियुक्त किया गया है। इनके साथ पर्यवेक्षक भी रहेंगे।

गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड की टीम उज्जैन पहुँची

इस कार्यक्रम को रिकॉर्ड के रूप में दर्ज करने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड की टीम उज्जैन पहुँच चुकी है। पिछले वर्ष अयोध्या में 9.41 लाख दीप प्रज्वलित कर रिकॉर्ड बनाया गया था।

'जीरो वेस्ट' को लक्ष्य बनाकर होगा महोत्सव

शिव ज्योति अर्पणम महोत्सव में 'जीरो वेस्ट' को लक्ष्य बनाकर कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई गई है। स्वयंसेवकों के पहचानपत्र क्यूआर एप के माध्यम से री-सायकल किए जायेंगे। महोत्सव के पश्चात् दीयों को होम कम्पोस्टिंग, मटके, कुल्हड़ आदि बनाने उपयोग किया जाएगा। कार्यक्रम पश्चात् बचे हुए तेल का गौशाला आदि में इस्तेमाल किया जाएगा। तेल की खाली बोतलों का 3-R प्रक्रिया के माध्यम से पुन: उपयोग होगा। मोमबत्तियों को जलाने के लिए पेपर मैचबॉक्स का इस्तेमाल किया जाएगा। खाने-पीने के लिए केवल जैव-निम्नीकरणीय कटलरी प्लेट का उपयोग किया जाएगा। आयोजन के सभी घटक मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देश के (जीरो बेस्ट कार्यक्रम मानक संचालक प्रक्रिया एसओपी) अनुसार ही तय किए जा रहे हैं।


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