क्या दीपक जोशी की भाजपा में वापसी को अब तक पार्टी ने नहीं किया स्वीकार
जिला अध्यक्ष पद पर रायशुमारी में नाम न होने से बढ़ी सियासी हलचल
देवास।भाजपा के पूर्व विधायक और मंत्री दीपक जोशी की पार्टी में वापसी के बावजूद जिला अध्यक्ष पद पर रायशुमारी के दौरान अपेक्षित कार्यकर्ता की सूची में नाम का न आना अब चर्चा का विषय बन चुका है। यह स्थिति इस बात की ओर इशारा करती है की भाजपा अभी भी दीपक जोशी को पूरी तरह से अपनी पार्टी का हिस्सा नहीं मान रही है। भाजपा के कई कार्यकर्ताओं ने इस पर अपने विचार व्यक्त किए हैं ,जबकि कुछ का मानना है कि दीपक जोशी की पार्टी में स्थिति को लेकर अनिश्चितता में है।
दीपक जोशी भाजपा के विधायक और मंत्री रहे हैं, पिछले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए थे। हाल ही में उन्होंने भाजपा में वापसी की और शिवराज सिंह चौहान के साथ भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में भाजपा में फिर से शामिल हुए थे। भाजपा के जिला अध्यक्ष पद के लिए होने वाली राय शुमारी में उनका नाम न शामिल किया जाना कई सवालों को जन्म दे रहा है।
भाजपा में अपनी वापसी के बावजूद, जोशी के नाम की अनुपस्थिति इस बात की ओर इशारा करती है कि पार्टी शायद पूरी तरह से उन्हें स्वीकार नहीं कर पा रही है। कई भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि जोशी की वापसी पर पार्टी ने अभी तक पूर्ण रूप से विचार नहीं किया है और यह उन कार्यकर्ताओं के लिए एक संकेत हो सकता है जो पुराने भाजपा नेताओं के प्रति निष्ठा रखते हैं। कुछ भाजपा नेताओं का मानना है कि दीपक जोशी को पूरी तरह से पार्टी में एकीकृत करने में समय लगेगा।भाजपा राजनीति के दिग्गजों का कहना हैं कि भाजपा में पुराने नेताओं और नए नेताओं के बीच संतुलन बनाने की चुनौती पार्टी के लिए बड़ी हो सकती है। जिला अध्यक्ष पद पर नियुक्ति को लेकर 27 दिसंबर को रायसुमारी होना है। भाजपा जिला अध्यक्ष की घोषणा भोपाल से होगी।
इनका कहना है-
भाजपा जिला अध्यक्ष राजीव खंडेलवाल ने बताया कि दीपक जोशी के नाम को लेकर हमें प्रदेश कार्यालय से कोई भी दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। इसलिए उनका नाम इस सूची में नहीं है।
अब देखना यह है कि भाजपा में दीपक जोशी का भविष्य क्या रहता है क्या उन्हें उनके पूर्व पदों के अनुसार तवज्जो मलेगी? यह आने वाला समय ही बताएगा।
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