देवास भाजपा जिला अध्यक्ष के दावेदार अब भगवान भरोसे
देवास(चेतन राठौड़)।भाजपा जिला अध्यक्ष पद की दावेदारी को लेकर अब तक कई नेताओं ने कड़ी मेहनत की है, लेकिन अब सभी दावेदारों का विश्वास सिर्फ पार्टी संगठन पर नहीं, बल्कि भगवान पर भी बढ़ गया है। अपने-अपने राजनीति प्रयासों के बावजूद अब वे धार्मिक अनुष्ठान का सहारा ले रहे हैं। कुछ दावेदार तो देवदर्शन के लिए अन्य प्रदेशों के मंदिरों में जा पहुंचे,जबकि कुछ अनुष्ठान और यज्ञ करवाकर अपने लिए शुभ परिणाम की कामना कर रहे हैं। अब इन दावेदारों का मानना है कि भगवान की कृपा से ही उन्हें देवास जिला अध्यक्ष का महत्वपूर्ण पद मिल सकता है।
रोजाना नया नाम रहा चर्चा में...
भाजपा जिला अध्यक्ष पद की दावेदारी को लेकर रोजाना नए नाम सुर्खियों में आए। पहले जिन नामों पर चर्चा थी, अब वे धीरे-धीरे ओझल होते गए, जबकि नए दावेदार खुद को इस पद के लिए प्रबल उम्मीदवार के रूप में सबके सामने पेश कर रहे थे। भाजपा में हमेशा से ही मजबूत राजनीति देखने को मिलती रही हैं और इस बार भी इस पद के लिए बड़े स्तर पर राजनीति प्रयास लगाए गए ।
संगठन ने नहीं खोले अपने पत्ते...
संगठन के अंदर इस वक्त एक खामोशी है। भाजपा संगठन ने अब तक जिला अध्यक्ष के पद के लिए अपनी रणनीति और चयन प्रक्रिया को सार्वजनिक नहीं किया है। इस स्थिति में दावेदारों के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण हो गई, क्योंकि वे किसी स्पष्ट दिशा-निर्देश के बिना अपनी उम्मीदवारी को लेकर भ्रमित हैं। हालांकि पार्टी के भीतर इस विषय पर गहरे विचार-मंथन की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन संगठन ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं, जिससे दावेदारों की स्थिति अनिश्चित बनी हुई है।
पद के लिए बदले जा सकते हैं नियम...
भाजपा के प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व से मिले संकेतों के आधार पर यह माना जा रहा है कि इस बार जिला अध्यक्ष पद के चयन के नियमों में कुछ बदलाव हो सकते हैं। पार्टी में पिछले कुछ समय में हुए बदलावों को देखते हुए,दावेदारों ने भी रणनीति का तरीका बदला। लेकिन यह परिवर्तन किस दिशा में जाएगा इसका बेसब्री से इंतजार है ।
विधायकों की पसंद को नकार नहीं सकता संगठन..
भाजपा में यह भी माना जाता है कि विधायकों की राय और उनकी पसंद का इस पद के चयन में खासा प्रभाव हो सकता है। पार्टी के केंद्रीय और प्रदेश स्तर के नेता इस बात से अवगत हैं कि किसी भी जिले के अध्यक्ष का चुनाव करते समय विधायकों की राय को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यही कारण है कि दावेदारो ने अपने जिले की विधायकों से संपर्क साधा और अंतिम समय तक अपने पक्ष में रखने का प्रयास किया।
प्रदेश से लेकर केंद्र तक के नेताओं से संपर्क...
दावेदारों ने अपनी उम्मीदवारी को मजबूती देने के लिए प्रदेश और केंद्र के नेताओं से भी संपर्क भी किया। वे इस प्रयास में थे कि पार्टी के उच्च नेतृत्व से अपनी सिफारिश करवाएं। इसके लिए कई दावेदार पार्टी के बड़े नेताओं से मुलाकातें की और दावेदारों का यह मानना है कि पार्टी के बड़े नेता अगर उनके पक्ष में आवाज उठाते हैं, तो यह उनकी उम्मीदवारी को एक नया मोड़ दे सकता है और जिला अध्यक्ष पद की दौड़ में उन्हें आगे ले जा सकते है।
सांसद ने भी निभाई अहम भूमिका...
इस बार देवास जिला अध्यक्ष पद को लेकर सांसदों की भूमिका भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी और सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल से भी पार्टी ने उतनी ही गभीरता से राय सुमारी की जितनी गंभीरता से अन्य सदस्यों से की,बता दे कि सांसद सोलंकी ने अपने प्रिय उम्मीदवार को पद दिलवाने के लिए पूरा राजनीति जोर लगा दिया है।
तो इनका जिला अध्यक्ष बनना तय...
भाजपा जिलाध्यक्ष की दौड़ में शुरुआत में लगभग एक दर्जन नाम सामने आए थे।लेकिन धीरे धीरे नाम कम होते गए और अंत में आकर कुछ ही नाम इस दौड़ में जमे रहे,राजेश यादव, राजीव खंडेलवाल,रायसिंह सेंधव,माया पटेल नाम प्रमुख रूप से इस दौड़ में शामिल हैं तो अंत में इन नामों पर सहमति नहीं बनती है तो पार्टी किसी नए चेहरे को जिला अध्यक्ष की कमान सौंप कर सबको चौका सकता है।
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