सीएमएचओ के खिलाफ भाजपा नेताओं का उग्र प्रदर्शन
नारेबाजी करते हुए रुपये मांगने का आरोप लगाया
देवास। जब सत्ताधारी दल के नेताओं को प्रदर्शन कर अपनी बात मनवानी पड़े तो आप आम जनता स्थिति का अंदाजा लगा सकते है कि उन्हें कितना संघर्ष करना पड़ता होगा।अनियमितता का केंद्र बना जिला अस्पताल अब भाजपा नेता के निशाने पर है। भ्रष्टाचार के कई मामले इन दिनों जिला अस्पताल में गूंज रहे है। स्वास्थ्य सेवाएं देने वाला यह विभाग अपने विवादों के कारण आये दिन सुर्खियों में बना हुआ है। 20 अप्रैल बुधवार को सत्ताधारी दल भाजपा के नेताओ ने जिला अस्पताल के प्रमुख कहे जाने वाले मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एम.पी. शर्मा की घेराबंदी कर दी। भाजपा नेताओं ने सीएमएचओ पर स्टाफ नर्स का अवकाश स्वीकृत करने के लिए 30 हजार रुपये मांगने का आरोप लगाया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में स्टाफ नर्स प्रीति तिवारी ने एक माह पूर्व एक वर्ष के लिए अवकाश पर जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया था, किंतु आवेदन पर सुनवाई नहीं हुई और उससे अवकाश स्वीकृत कराने के 30 हजार रुपये मांग लिये। जब यह जानकारी सत्तादल के नेताओं के पास पहुँची तो मामले ने तूल पकड़ लिया।मामला भाजपा नेता राजेश यादव( जिला महामंत्री) के पास पहुंचा तो यादव अपने साथी पूर्व पार्षद मनीष सेन व अजा मोर्चा जिलाध्यक्ष संजय दायमा अन्य कार्यकर्ताओं को लेकर सीधे जिला अस्पताल में स्थित सीएमएचओ कार्यालय पहुंचे।बताया जा रहा है यहाँ पर सीएमएचओ डॉ. एम.पी. शर्मा ने उनसे बात करने की जगह यह कहकर रवाना हो गए कि उन्हें कलेक्ट्रेट कार्यालय जाना है।बस फिर क्या था भाजपा नेता आगबबूला हो गए और वे सब अपने समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच गए, जहां पर कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला की अनुपस्थिति में एडीएम महेंद्र कवचे को उन्होंने शिकायत दर्ज कराई और छुट्टी का आवेदन दिया। साथ ही वीसी में बैठे सीएमएचओ डॉ. शर्मा को बाहर बुलाया गया । यहां भाजपा नेताओं ने नारेबाजी करते हुए सीएमएचओ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। इस दौरान एडीएम व एसडीएम के समक्ष जमकर नारेबाजी करते हुए सीएमएचओ को खरी-खोटी भी सुनाई। हालांकि सीएमएचओ ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
बता दे कि जिला अस्पताल इन दिनों अपनी बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के बजाए विवादों के लिए ज्यादा चर्चाओं में है। बताया जा रहा है जो महिला नर्स पिछले कई दिनों से अधिकारियों व कर्मचारियों के समाने अवकाश स्वीकृत के चक्कर लगा लगा कर परेशान हो रही थी।सत्ताधारी दल के नेताओं के समर्थन में आने के बाद चंद घण्टो में ही अवकाश स्वीकृत हो गया। यह पूरी घटना सरकारी महकमे की कार्यशैली को प्रदर्शित करती है कि आम जनता को अपने कार्यो के लिए कितना परेशान होना पड़ता होगा।
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