नवदंपति का ऐतिहासिक संकल्प
नवदंपति का ऐतिहासिक संकल्प:बेटी के जन्म पर भी मनाएंगे खुशियां, आठवां वचन लिया
देवास। देवास में एक विवाह समारोह ने समाज में सकारात्मक बदलाव की एक नई मिसाल पेश की। जहां पारंपरिक सात वचनों के साथ नवदंपति को एक खास वचन दिलवाया गया, जो न केवल उनके जीवन को संजोने का वादा था, बल्कि समाज में बेटियों के प्रति दृष्टिकोण बदलने का एक बड़ा कदम था। इस वचन में वर और वधु ने संकल्प लिया कि वे बेटी के जन्म पर भी उतनी ही खुशी मनाएंगे, जितनी पुत्र के जन्म पर। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को सशक्त रूप देने की दिशा में एक अनूठा प्रयास साबित हो रहा है।
वहीं इस अभियान का असर अब सामाजिक स्तर पर भी देखने को मिल रहा है। हाल ही में पत्रकार अनिलराजसिंह सिकरवार की पुत्री अक्षिता सिकरवार का विवाह समारोह बीआर रिसोर्ट में आयोजित किया गया। जहां पं. अजय शास्त्री ने विवाह की रस्म संपन्न कराई। इस दौरान वर डॉ. आकाश प्रताप सिंह व वधु अक्षिता सिकरवार को पं. शास्त्री ने फेरे के सात वचनों के बाद आठवां वचन भी दिलवाया। जिसमें पं. शास्त्री ने वर-वधु को संकल्प दिलाया कि हमारे परिवार में बेटी के जन्म पर भी हम खुशियां बनाएंगे, पुत्र होने के समान प्रसन्नता व्यक्त करेंगे। इस वचन को दोनों वर-वधु ने सहर्ष स्वीकार किया। साथ ही उपस्थित परिजनों ने भी करतल ध्वनि से वचन का समर्थन किया। उल्लेखनीय है कि पूर्व में कन्या भू्रण हत्याओं के चलते समाज में लड़कियों की संख्या लगातार कम हो गई थी और लड़कों की अपेक्षा लड़कियों की संख्या में गिरावट आई थी। जिसको लेकर शासन-प्रशासन जहां चिंतित है। वहीं सामाजिक स्तर पर कन्या जन्म दर को लेकर अब जागरुकता देखी जा रही है। इसी के चलते विवाह समारोह में अब ऐसे वचन दिलाए जा रहे है, जिसके दूरगामी परिणाम सुखद आएंगे।
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