शिक्षा जगत का कब होगा उद्धार?
पहले ही दिन से विद्यार्थियों पर बनाया जा रहा है दबाव
देवास।आज से नए शिक्षा सत्र की शुरुवात हो चुकी है और इसी के साथ कभी ना खत्म होने वाली समस्या पुनः अभिभावकों के सामने है।कितनी ही सरकार आई गयी कितने ही जिले के अधिकारी आये और गए लेकिन इस तानाशाही पर कोई भी लगाम नही लगा पाया।पूरे प्रदेश में शिक्षा जगत में विद्यालयों की मनमानी चरम सीमा पर पहुँच चूंकि है।देवास में भी कई विद्यालय अपनी मनमानी के लिए जाने जाते है इन्हें ना तो सरकार के नियमों का डर है नही ही जिले के अधिकारियों का,बताया जा रहा है कि देवास के कई विद्यालय पहले ही दिन से बच्चों को किताब और कॉपियों का दबाव डालते दिखे है।दुकानें अभी भी फिक्स है।अभिभावक भटकने के बाद पुनः फिक्स दुकानों पर पहुँच कर अपने आपको ठगा महसूस कर रहा है।
शासन के आदेश के बाद भी तय दुकानों पर से ही बुक दी जा रही है।कुछ दिनों पहले देवास कलेक्टर द्वारा स्कूल संचालकों, बुक विक्रेताओं की बैठक आयोजित कर एक बड़ी नियमों की लिस्ट को अमल करने की बात कही गयी थी।लेकिन पहले ही दिन बैठक की वास्तविकता पालकों के सामने आ गयी।
ऐसे में अभिभावकों को लुभाने वाले और उनके हित मे लिए गए निर्णय के आदेश पुनः एक बार केवल कार्यालयों की टेबल तक सीमित दिखाई दे रहे है।बैठक में टीम भी बनाई गई थी लेकिन प्रतीत होता है कि टीम भी केवल कागजी खानापूर्ति के लिए थी।अंत में वही हुआ अभिभावक मनमानी का शिकार हो गया।
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