मुख्यमंत्री के आदेश की निकली हवा-हवाई
दूसरे दिन भी जिम्मेदारों ने नहीं दिया ध्यान,स्कूल संचालकों और किताब विक्रेताओं की मनमानी चरम पर
देवास।पहले ही दिन से नए शिक्षा सत्र में शिक्षा को व्यापार समझने वाले कई स्कूल संचालको ने अपना खेल दिखाते हुए विद्यार्थियों पर दबाव बनाया और यह दवाब सीधे सीधे अभिभावकों पर पड़ा,दवाब के साथ अभिभावकों ने बुक की दुकानों पर दौड़ लगाई।
पहले ही दिन खबर को प्राथमिकता से प्रकाशित करते हुए चैतन्य टाइम्स से प्रशासन और विभाग को शिक्षा जगत के इस खेल से अवगत करवाया और अभिभावकों पर इस जटिल समस्या से अवगत करवाया। लेकिन दूसरे दिन भी प्रशासन और शिक्षा विभाग ने इस विषय को संज्ञान में नही लिया और यह खेल दूसरे दिन भी जारी रहा।हालांकि कई दिन पहले जिले के आला अधिकारियों ने बैठक लेकर सख्ती से कार्यवाही करने की बात कही थी,टीम का गठन भी किया गया था लेकिन टीम केवल कागजों पर ही दिखाई दे रही है।जबके जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
मुख्यमंत्री के आदेश को नही लिया संज्ञान में
शिक्षा जगत की इस धांधली को लेकर मुख्यमंत्री ने आदेश जारी करते हुए जिले के आला अधिकारियों को कठोर कार्यवाही करने की बात कही थी ,लेकिन मुख्यमंत्री के आदेश पर अमल तक नही किया गया। मुख्यमंत्री के आदेश में जुर्माने का भी जिक्र किया गया था।लेकिन देवास प्रशासन और शिक्षा विभाग अब तक सोया हुआ है जिसके चलते कई संचालको के हौसले अब तक बुलंद है।
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