नवनिर्मित ब्रिज को लेकर गर्मा रही राजनीति
देवास। देवास शहर किसी भी बड़े विकास कार्य मे राजनीति होना अब साधारण सी बात हो चुकी है।ब्रिज हो या भवन सत्ता और विपक्ष आमने सामने आ ही जाते है।रामनगर ब्रिज अपने शुरुआती दौर से ही विवादों में घिरा रहा है, सर्वप्रथम इसके लंबाई को लेकर विरोध हुआ उसके पश्चात यह भी आरोप लगे कि इसकी डिजाइन और इसकी दूरी को लेकर छेड़छाड़ की गई है।बरहाल ब्रिज अब बन कर तैयार हो चुका है लेकिन इसके नामकरण को लेकर भी अब राजनीति हो रही है विपक्ष इसको लेकर मोर्चा संभाले हुए है।
पूर्व प्रदेश महामंत्री प्रदीप चौधरी प्रेस नोट जारी करते हुए बताया कि रामनगर चौराहे से बावडिया चौराहे तक निर्मित ब्रिज जो कि असल में बीएनपी थाने से रामनगर तक बनना था। जिसे अपने निजी स्वार्थ एवं हटधर्मिता के चलते राम नगर से बावडिया चौराहे तक जबरन बनाया गया है। इसलिए इसका नामकरण जबरन ब्रिज के नाम से किया जाएगा।
विकास के नाम पर देवास का विनाश ही किया है। ब्रिज का स्थानांरतण भी निजी फायदे के लिए किया गया है। इन दोनों ब्रिज के बनने से ट्राफिक की स्थिति और खराब हो जाएगी। भोपाल चौराहे से आवास नगर तक के ब्रिज का एक सिरा मंडी गेट के पास है मंडी के गेट पर ट्राफिक का लोड ज्यादा रहता है इस ब्रिज के बनने के कारण यहां पर दुर्घटना होने की संभावना बढ़ गई है। भाजपा ने इन दोनों ब्रिज का स्थान जबरन बदला है, और विकास के नाम पर देवास का विनाश कर दिया है तथा करोड़ों रूपये बर्बाद कर दिए है। श्री चौधरी ने कहा कि 26 फरवरी रविवार को प्रात 11 बजेे हजारों की संख्या में कांंगे्रसी ब्रिज का नामकरण करने पहुंचेगे।
अब देखना यह है कि कांग्रेस ब्रिज का नामकरण करने ब्रिज तक पहुँच पाएगी या नही और भाजपा इस पूरे विषय पर अपनी क्या प्रतिक्रिया देगी..?
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