कलेक्टर से चर्चा के बाद भी संतुष्ठ नही हुए ग्रामीण,किया मतदान का पूर्ण बहिष्कार
देवास(चेतन राठौड़)।प्रशासन लाख दावे करे कि मतदाता जागरूकता के लिए भरसक प्रयास किए और इसके परिणाम भी सामने आए, लेकिन प्रशासन के यह दावे इस खबर से खोखला होते हैं कि जहां 600 मतदाता की संख्या वाले गांव में मात्र 5 वोट डले। इसके पीछे जो वजह सामने आई है, वह यह है कि ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण नहीं किया जा रहा था। इसके पीछे ग्रामीणों का तर्क है कि उनकी समस्याओं के संबंध में कलेक्टर को भी अवगत करा दिया गया था, लेकिन कलेक्टर के जवाब से भी ग्रामीण असंतुष्ट ही रहे और अंतत: उन्होंने मतदान बहिष्कार करने का निर्णय लिया।
इस संबंध में एक प्रेस नोट जारी करते हुए लाखन राठौर ने बताया कि 13 मई को ग्राम पंचायत सेवन्या खुर्द में आने वाले ग्राम कूपगांव में मतदान क्रमांक 137 के ग्रामवासियों ने पूर्ण रूप से मतदान का बहिष्कार किया। केवल 6 वोट ही डाले गए जिसमें तीन कर्मचारियों के वोट हैं। ग्रामीण जनों का कहना है कि शासन प्रशासन के माध्यम से हमारे गांव में जो माइक्रो सिंचाई परियोजना से जबरजस्ती ग्राम विस्थापित हो रहा है उससे संबंधित जो हमारी संवैधानिक मांगे थी वह शासन प्रशासन द्वारा मानी नहीं गई और ना ही हमें किसी प्रकार से आश्वस्त किया गया। हम जिन प्रतिनिधियों को चुनकर विधानसभा और लोकसभा में भेजते हैं वह प्रतिनिधि हमें विस्थापित होने पर मजबूर कर रहे हैं। उक्त कारण से हमने मतदान का बहिष्कार किया। विदित हो कि पूर्व में कलेक्टर ऋषभ गुप्ता द्वारा ग्राम में पहुंचकर ग्रामीणों से चर्चा की गई थी लेकिन इससे ग्रामीण असंतुष्ट है।
इसस यह साफ प्रतीत होता है कि समस्याओं को समय पर नहीं हल नहीं करने का परिणाम बाद में बड़ा देखने को मिलता है। पूरे जिले में मतदान का यह मामला अब आने वाले समय में सुर्खियों में भी रह सकता है।
टिप्पणियाँ