गर्भवती महिला के साथ मारपीट
सास-ससुर सहित ननद,नन्दोई को कारावास व अर्थदण्ड से किया दंडित,फरार पति की तलाश जारी
देवास।प्रभारी उप संचालक अभियोजन/जिला लोक अभियोजन अधिकारी राजेन्द्र सिंह भदौरिया द्वारा बताया कि फरियादी की शादी दिनांक 24 अप्रैल 2011 को नई आबादी देवास निवासी जावेद शेख के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही उसके पति द्वारा उसके साथ आये दिन मारपीट की जाती थी,पर घर न टूटे इसलिए वह चुपचाप सहन करती रही। दिनांक 17 जनवरी 2015 को फरियादी का पति जावेद उसके साथ मारपीट करके उसे घर से निकालने लगा, तो उसने कहा कि डिलेवरी का टाईम चल रहा है, कहां जाउं, तो उसका पति बोला कि तू कही भी जा, मैं यहां से जा रहा हूं और शादी करके ही लौटूंगा। इसके बाद वह दिनांक 18जनवरी2015 को अजमेर जाने का कहकर घर से चला गया। घटना दिनांक 20 जनवरी 2015 को शाम 4 बजे फरियादी की मां व मामी उससे मिलने घर आये तो फरियादी की सास जैबून व ननद शाहीन और समीम ने उससे झगड़ा करते हुए बोले कि जावेद तो घर छोड़कर चला गया है, इसे भी यहां से ले जाओ और उसे उसके ससुर सईद व नन्दोई रज्जाक अश्लील गालियां देने लगे, उसने व उसकी मां ने गालियां देने से मना किया तो उसकी सास जैबून व ननद शाहीन और समीम ने उसके साथ झूमा झटकी की जिससे वह नीचे गिर गई और उसे पेट में चोट आई। उसकी मां व मामी ने बीच-बचाव किया तो सभी आरोपीगण बोले कि अपनी बेटी को यहां से ले जाओ, यहां वापस आई तो जान से खत्म कर देंगे। फरियादी ने उक्त रिपेार्ट के आधार पर अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा 294,323,506,34 भादंसं की प्रथम सूचना रिपोर्ट क्रमांक 98/15 दर्ज की गई। आहत का मेडीकल परीक्षण करावाया गया। घटनास्थल पर पहुंचकर फरियादी को बताए अनुसार नक्शा मौका बनाया गया। संपूर्ण विवचेना उपरान्त अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। प्रकरण के तथ्यों के आधार पर अभियोजन द्वारा धारा 498-ए के आरोप बढ़ाने हेतु आवेदन लगाया गया।
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम श्रेणी, जिला देवास द्वारा अभियुक्तगण सईद, जैबून, शाहीन, शमीम, रज्जाक को धारा 323 में 01-01 माह एवं धारा 498-ए भा.दं.सं में 06-06 माह का कारावास व 500-500 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया तथा फरार पति जावेद का तलाश के लिये स्थायी वारंट जारी किया गया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से अभियोजन का सफल संचालन उदलसिंह मौर्य एवं श्रीमती सैयद शमशुन निशा अली, एडीपीओ द्वारा किया गया तथा कोर्ट मोहर्रिर आरक्षक आलोक कानूनगो का विशेष सहयोग रहा।
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