सिविल सर्जन हटाओ आंदोलन तेज
सिविल सर्जन पर गंभीर आरोप, वकीलों ने मांगा इस्तीफा
अस्पताल में अव्यवस्था, महिला कर्मचारियों से अभद्रता, मरीजों से वसूली का अड्डा बना जिला अस्पताल
देवास।महात्मा गांधी चिकित्सालय में प्रभारी सिविल सर्जन डॉ बसंत सारस्वत के द्वारा किए जा रहे अमानवीय व्यवहार,महिला कर्मचारी के साथ किये जाने वाली प्रताड़ना एवं अभद्रता करने के साथ ही सूचना के अधिकार सम्बंधित कार्यकर्ता के साथ गाली गलौज करने सम्बन्धी डॉ बसंत सारस्वत प्रभारी सिविल सर्जन के खिलाफ आ रही लगातार शिकायतों पर वरिष्ठ अधिकारियो द्वारा निराकरण नहीं किये जाने से एवं अस्पताल की व्यवस्था दिन प्रति दिन खराब होने से, नाराज हुए सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ (कांग्रेस) के अभिभाषकगण व कार्यकर्ताओं ने अपने जिला अध्यक्ष एडवोकेट श्वेतांक राज शुक्ला के नेतृत्व में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थय अधिकारी देवास को सिविल सर्जन बदलने की मांग को लेकर ज्ञापन सोपा |
सिविल सर्जन डॉ बसंत सारस्वत को पद से हटाने की मांग को लेकर जब अभिभाषकगण व कार्यकर्ता ,दोपहर १२ बजे सीएमएचओ कार्यालय पहुचे जहा कार्यालय प्रमुख मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थय अधिकारी देवास कार्यालय में उपस्थित नहीं थी, एवं ना ही कोई अन्य जवाबदार अधिकारी कार्यालय में उपस्थित रहे, जिस पर नाराज होते हुए अभिभाषक गणों ने "जनता परेशान हो रही सीएमएचओ घर पर सो रही" के नारे बाजी के साथ कार्यालय में प्रवेश किया, जहा मात्र कर्मचारी ही उपस्थित थे, लगभग आधे घंटे तक कोई जवाबदार अधिकारी के उपस्थित नहीं होने पर सूचना के अधिकार प्रकोष्ठ कार्यकर्ताओं ने नाराज होते हुए, कार्यालय परिसर में उपस्थित कुत्ते को ज्ञापन सौंपने की बात तक कह डाली, कांग्रेस प्रवक्ता एडवोकेट चंद्रपाल सिंह सोलंकी छोटू द्वारा डिप्टी मजिस्ट्रेट अभिषेक शर्मा को भी दूरभाष पर सूचित किया गया |
कार्यालय पर सीएमएचओ की अनुपस्थिति के कारण नाराज वकीलों और सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं ने लगातार नारेबाजी करते हुए कहा कि - जिस प्रकार से सीएमएचओ अपने कार्यालय से नदारद हैं, इससे साफ जाहिर होता है कि जिला अस्पताल भगवान भरोसे ही चल रहा है।
लगातार नारेबाजी की सूचना पर,मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थय अधिकारी देवास अपने कार्यालय पर उपस्थित हुई, अभिभाषकगणों व मौजूद कार्यकर्ताओं द्वारा सीएमएचओ को पत्र सोपते हुए डॉ. बसंत सारस्वत प्रभारी सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय देवास को तत्काल प्रभाव से सिविल सर्जन सर्जन पद के प्रभार से प्रभार मुक्त करने एवं प्राप्त शिकायतों पर निष्पक्ष जांच कर निलंबित किये जाने की मांग की है।
सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ के जिला सचिव रवि मालाकार द्वारा बताया गया कि कई दिनों से देवास जिला अस्पताल की व्यवस्थाओ को लेकर शिकायते प्राप्त हो रही थी, आये दिन समाचार पत्रों के माध्यम से भी अस्पताल की अव्यवस्थाओ की जानकारी प्राप्त हो रही थी, जिस पर हमारे साथी देवेश गुप्ता जो की भोपाल रहते है तथा हमारे सुचना के अधिकारी का प्रयोग कर कार्यलय में बेठे भ्रष्टाचारियो का पता लगाते है, उनके द्वारा जब डॉ बसंत सारस्वत के द्वारा प्रशासनिक पद पर होते हुए भी बिना पंजीयन के अवैध निजी क्लिनिक लाला लाजपतराय मार्ग पर संचालन करने सम्बन्ध में शिकायत अथवा जानकारी चाहि गई तो उनके साथ डॉ बसंत सारस्वत द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया,हमें ज्ञात हुआ है कि बसंत सारस्वत नेत्र रोगियों को जिला अस्पताल से अपने क्लिनिक पर बुलवाते है एवं वहा फीस लेते है, फिर उन्ही रोगियों का उपचार सरकारी में निजी खर्च प्राप्त कर करते है, कुछ दिनों पूर्व ही एक इनके इलाज से अपनी आँख गवा चुके एवं लाखो रूपये खर्च कर चुके,भोरासा निवासी गोविन्द शर्मा द्वारा जिला कलेक्टर देवास के समक्ष उपस्थित होकर न्याय की गुहार लगाईं है, किन्तु प्रतीत होता है कि पूरा तंत्र साठ गाठ से चल रहा है|
एडवोकेट विजय राठौर ने बताया कि जिला अस्पताल में स्ट्रेचर, व्हीलचेयर की संख्या को बढ़ाने की आवश्यकता है,जिला अस्पताल में सेकड़ो मरीज प्रतिदिन आते है किन्तु अव्यवस्थाओ के कारण बिना बेड शीट के पलंग पर अथवा पलंग के आभाव में निचे भूमि पर लेटकर इलाज प्राप्त करते है, जिला अस्पताल में जब से डॉ बसंत सारस्वत को सिविल सर्जन का प्रभार दिया गया है तब से ही जिला अस्पताल में दलाली शुरू हो गई है, प्रसव करवाने का 5000,जन्म प्रमाण पत्र जल्दी बनवाने का 200 नाम सुधरवाने का 2000 तक की मांग आने वाले मजबूर लोगो के साथ की जाती है,मेडिकल बोर्ड से प्रमाण पत्र प्राप्त करने का 500 से 2000 रूपये एवं बिलों का १० प्रतिशत की मांग की जाती है ,जिस सम्बन्ध में विगत दिनों विरोध करते हुए नेता प्रतिपक्ष प्रतिनिधि राहुल पवार एवं अन्य पार्षदों द्वारा शिकायत की गई थी,एवं सीएमएचओ कार्यालय के कर्मचारी द्वारा भी अपने मेडिकल बिल के सम्बन्ध में १० प्रतिशत की मांग की शिकायत जिला कलेक्टर को की है|
कांग्रेस नेता आकाश चौहान द्वारा अवगत कराया गया कि - डॉ.बसंत सारस्वत के खिलाफ अपने ही अधीन महिला चिकित्सक डॉ. पुष्पा पवेया द्वारा गत दिनों अपशब्द बोलने/अभद्रता करने का लिखित आरोप लगाया गया था जो कि एक संवैधानिक पद को लज्जित करता है,साथ ही कार्यरत स्टाफ नर्सो द्वारा भी डॉ बसन्त पर यह आरोप लगाए है,कि सिविल सर्जन सुन्दरता को ध्यान में रखते हुए नर्सो की ड्यूटी लगवाते है,सिविल सर्जन गोपनीय चरित्रवाली खराब करने की धमकी देते हुए अपने हिसाब से ड्यूटी करवाते है, जिससे महिलाओं का शोषण और प्रताड़ना को झेलना पड रहा है यह खबर भी देनिक समाचार पत्र में दिनांक 11/03/2025 को खबर प्रकाशित हुई है, ज्ञात हुआ है कि बसंत सारस्वत की कार्यशेली एवं उनकी अमानवीय व्यवहार से परेशान लोगो द्वारा सी एम हेल्प लाइन पर कई शिकायते दर्ज कराई है, जिहे वरिष्ठ अधिकारियो द्वारा साठ गाठ कर बंद कर दिया जाता है, लगातार प्राप्त शिकायतों के पश्चात भी आज दिनांक तक सिविल सर्जन का प्रभार डॉक्टर सारस्वत के पास होना यह दर्शाता है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी देवास जिला कलेक्ट्रेट देवास एवं प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर सारस्वत के मध्य लेनदेन का व्यपारिक रिश्ता है|
ज्ञापन देते हुए जिला अध्यक्ष एडवोकेट श्वेतांक राज शुक्ला ने डॉ बसन्त सारस्वत के कृत्य को मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 16 के उपनियम (4) का स्पष्टतः उलंघन एवं उक्त कृत्य दंडनीय अपराध की श्रेणी में आना बतलाते हुए तत्काल प्रभाव से प्रभारी सिविल सर्जन का प्रभार अन्य किसी को सोपते हुए, डॉ बसंत सारस्वत के खिलाफ विभागीय जांच की मांग की गई है, एवं कार्यवाही न होने की दशा में माननीय उच्च न्यायलय खंडपीठ इंदौर के समक्ष वाद प्रस्तुत करने के लिए चेताया गया है।
इस अवसर पर यूथ कांग्रेस अध्यक्ष पंकज वर्मा, मोनू चौहान एडवोकेट शुभम रोजवाल, एडवोकेट तारीख खान, एडवोकेट आसिफ शेख, एडवोकेट संकेत सोलंकी, एडवोकेट मोहित पिछोलिया, एडवोकेट आयुष महाजन, एडवोकेट राजेश चौहान,एडवोकेट अमितेश पाण्डेय ,वंश राजपूत, सादिक अली, धर्मेंद्र कुशवाह आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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