डेंगू से एक की मौत,प्रशासन बेखबर
देवास(चेतन राठौड़)।शहर में डेंगू बुखार एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है, खासकर मानसून के दौरान इस समय मच्छरों की संख्या में वृद्धि होती है, जिससे डेंगू फैलने का खतरा बढ़ जाता है। पिछले कुछ महीनों में डेंगू के मामलों में तेजी से वृद्धि देखने को मिली है। प्रशासन की ओर से इस समस्या के प्रति लापरवाही बरती जा रही है, जिससे नागरिकों में चिंता और असुरक्षा का माहौल बन गया है,हो रही है लेकिन कोई ठोस खत्म नहीं उठाए जा रहे हैं।... प्राप्त जानकारी अनुसार देवास तोड़ी निवासी आनंद परमार की डेंगू से मौत हो गई,आनंद परमार शहर का एक युवा उभरता हुआ कलाकार था कई विधाओं में माहिर आनंद के नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज था,पेटिंग में भी माहिर आनंद के कई चित्र शहर की शोभा बढ़ा रहे हैं।आनंद के जाने के बाद उसके प्रशंसक,दोस्त उसे याद करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल रहे हैं,एक युवा कलाकार का बीमारी के चलते चले शहर वासियों को दुख दे रहा है।
जिम्मेदार विभाग की निष्क्रियता
स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता की संकट को और बढ़ा रही है मच्छरों के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने में असफलता के चलते हैं नागरिकों में स्वास्थ सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो रहा है लोगों को अब यह भरोसा नहीं हो पा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग इस समस्या को गंभीरता से ले रहा है।
डेंगू का बढ़ता प्रकोप
डेंगू बुखार का कारण एडीज मच्छर होता है, जो मुख्य रूप से ठहरे हुए पानी में पनपता है। बारिश के मौसम में पानी के ठहराव के कारण मच्छरों की संख्या में तेजी से वृद्धि होती है। डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, शरीर में दर्द, और कई बार रक्तस्राव भी शामिल होते हैं। यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो यह जीवन के लिए खतरा बन सकता है।
प्रशासन और निगम की लापरवाही
डेंगू के मामलों में वृद्धि हो रही है, लेकिन स्थानीय प्रशासन और नगर निगम की ओर से इस पर प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। सफाई व्यवस्था की कमी, जल निकासी के मुद्दे और मच्छर जनित बीमारियों के प्रति जागरूकता की कमी ने स्थिति को और भी बिगाड़ दिया है। कई क्षेत्रों में मच्छरों के प्रकोप को रोकने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
वार्डों में फैली गंदगी
शहर के कई वार्डों में गंदगी का साम्राज्य है बेतहाशा कचरा रोड़ों के इर्द-गिर्द पड़ा है जो की डेंगू को आमंत्रण दे रहा है यही स्थिति मच्छरों के प्रजनन के प्रति अनुकूल वातावरण बनती है अब समय आ गया है प्रशासन और नगर निगम को तत्काल इस समस्या का समाधान निकलकर शहर को सुरक्षित व स्वस्थ बनाना पड़ेगा।
जागरूकता की कमी
अधिकांश नागरिक डेंगू के लक्षणों और इसके रोकथाम के उपायों के प्रति जागरूक नहीं हैं। सही जानकारी और शिक्षा की कमी से लोग उचित सावधानी बरतने में असफल रहते हैं। प्रशासन को इस दिशा में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता है, ताकि लोग मच्छरों को रोकने के लिए आवश्यक उपाय कर सकें, जैसे कि पानी को ठहरने न देना, मच्छरदानी का उपयोग करना, और आवश्यक दवाओं का सेवन करना।
अगर व्यक्ति को 2 दिन से अधिक बुखार आ रहा है तो डॉक्टर की सलाह से इलाज जरूरी हो जाता है , डॉक्टर मरीज को जांच और भर्ती के लिए बोलते है लेकिन मरीज अपनी मर्जी मुताबिक़ पूरा इलाज नही लेता है और लापरवाही बरतता है । यही कारण ज्यादातर देखने को प्रायः मिलते है।
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