सीएम हेल्प लाइन का कमाल
शिकायतकर्ता को जवाब में मिले अपशब्द
देवास- प्रदेश सरकार द्वारा आम जनता की शिकायतों का निराकरण करने हेतु सीएम हेल्प लाइन नामक योजना का संचालन किया जा रहा है। यदि बात की जाए इस योजना के बारे में तो समस्याओ से पीड़ित नागरिक जो हर जगह से परेशान हो जाता है तो सी एम हेल्प लाईन का सहारा लेता है प्रारंभिक तौर पर तो सीएम हेल्प लाइन पर जायज समस्याएं दर्ज होती थी और उनका निराकरण भी निश्चित समयावधि में हो जाता था, किंतु धीरे-धीरे सीएम हेल्प लाइन का दुरुपयोग भी होने लगा और समस्याओं के निराकरण के नाम पर सिर्फ लीपापोती की जाने वाली घटनाएं प्रकाश में रही है। अब तो इस योजना में कार्य को मजाक बनकर रख दिया है।
इसी से जुड़ा एक ताजा मामला देवास जिले की सोनकच्छ तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम कंका खजुरिया निवासी द्वारा की गई शिकायत व निराकरण के जवाब में देखने को मिला है, जो बहुत ही चौंकाने वाला है। दरअसल सोनकच्छ तहसील के ग्राम कंका खजुरिया में रहने वाले सौदानसिंह की करंट लगने से एक वर्ष पूर्व मौत हो गई थी। चूंकि मृतक का संबल कार्ड बना हुआ था और शासन की योजना अनुसार उसके परिजन को 2 लाख रुपये की सहायता राशि मिलना थी। लिहाजा मृतक के परिजनों ने सहायता राशि के लिए आवेदन प्रस्तुत किया, किंतु उन्हें निर्धारित समय में न तो रािश मिली और ना ही संतोषप्रद जवाब मिला। आखिरकार सौदानसिंह के भाई संतोष सोलंकी ने इस मामले की शिकायत सीएम हेल्प लाइन पर कर दी, किंतु फिर भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हो सका और निराकरण के जवाब आने लगे। हद तो तब हो गई जब 6 अक्टूबर को सीएम हेल्प लाइन के अधिकारियों द्वारा जो निराकरण का जवाब भेजा गया, उसमें न सिर्फ चौंकाने वाले बल्कि आपत्तिजनक शब्दों का उपयोग किया गया। जवाब में कुत्ते शिकायत की कार्यवाही प्रचलन में है, शिकायत को प्रगति पर रखा जाये कार्यवाही प्रवचन में है लिखा गया है। इतना ही नहीं शिकायत के विवरण में जो लिखा गया है, वह भी चौंकाने वाला है, इसमें लिखा गया है अमेरिका के पति की मृत्यु विद्युत करंट लगने से होने पर आर्थिक अनुदान सहायता राशि प्राप्त करने के लिए प्रकरण श्री कार्यपालन यंत्री मप्र विद्युत विभाग सोनकच्छ अंतरित किया जाना हेतु प्रेषित। ऐसे मामलों के प्रकाश में आने के बाद साफ देखा जा सकता है कि सीएम हेल्प लाइन को लेकर अब जिम्मेदार गंभीर नहीं है और बैतुके से जवाब दिये जा रहे है। अब इस मामले को जिम्मेदार किस प्रकार हल करेंगे और अपशब्द लिखने वाले पर किस प्रकार की कार्यवाही होगी यह एक प्रश्न बनकर रह गया है।
(खबर में शिकायतकर्ता को मिले जवाब का स्क्रीनशॉट उपलब्ध है)
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