आखिर कितनी बार देवास में लांच होंगे प्रवेश अग्रवाल
अब जन्मदिन को बनाया अवसर
देवास। धनबल के कुबेरों की राजनीति में प्रवेश की महत्वकांक्षाएं कितनी बढ़ गई है इसका उदाहरण देवास कांग्रेस की राजनीति में देखने को बार-बार मिल रहा है। इंदौरी उद्योगपति नेता प्रवेश अग्रवाल अपने आपको देवास कांग्रेस की राजनीति में लगातार लांच करने के कोई भी अवसर नही छोड़ रहे हैं।
अपने आपको स्थापित करने का प्रयास कर रहे ये पूरे उद्योगपति,आधे नेता है लेकिन इन्हें जरा सा भी ज्ञान नही है कि देवास की राजनीति में स्थानीय का महत्व शुरू से ही रहा है। यहां बाहर के किसी भी नेता को स्वीकारा नहीं गया है और जिन्हें स्वीकारा गया है वही जानते हैं कि उन्होंने कितने साल लगे और कितने पापड़ बेले थे।
देवास में कांग्रेस के बड़े कार्यक्रम के सूत्रधार रहे प्रवेश अब अपने जन्मदिन कार्यक्रम को भव्य रूप से मनाने का मन बनाकर फिर अपने आपको देवास में स्थापित करने का अवसर खोज रहे है।
प्रवेश के देवास में आने का मुख्य कारण यह भी है कि देवास के कांग्रेसी कई भागों में/खेमों में बटे हुए है। इसका फायदा प्रवेश उठाना चाहते हैं, लेकिन वह देवास की कांग्रेस की राजनीति से भलीभांति वाकिफ नहीं हैं। केवल धन का उपयोग कर राजनीति में अपना स्थान तो बनाया जा सकता है लेकिन आम जनता के दिलों में जगह बनाने के लिए धरातल पर भी उतरना पड़ता है। प्रवेश के देवास में आने से ही पहले ही कांग्रेस में उनका विरोध हो चुका है। महापौर टिकट में लगभग फाइनल माने जाने वाले प्रवेश अग्रवाल का देवास के ही नेताओं ने विरोध कर टिकट कटवा दिया था। देवास में कांग्रेस की राजनीति एक ही व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूमती है और वह हैं शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी, लेकिन प्रवेश अग्रवाल की इनके साथ पटरी शुरु से ही नहीं बैठती नजर आई है। यही कारण रहा है कि प्रवेश अग्रवाल द्वारा अपने जन्मदिन के पोस्टर बैनर पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष को स्थान नहीं दिया गया है। कुछ एक आधे फ्लेक्स पर राजानी का फोटो भले ही दिखाई दे रहा हो, लेकिन इन दोनों के बीच की नूरा-कुश्ती अब धीरे-धीरे बाहर निकलकर आ रही है। यह उद्योगपति सीधे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से अपने आपको जुड़ा हुआ बताते हैं। इसी मजबूरी के चलते कई फ्लेक्सों पर पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक सज्जनसिंह वर्मा के फोटो दिखाई दे रहे हैं। अपने जन्मदिन पर फ्लेक्स द्वारा राजनीति कर यह पुन: कांग्रेस में अपने पैर जमाने की इच्छा रखते हैं।
कांग्रेस से देवास महापौर टिकट से वंचित प्रवेश अब विधानसभा को लेकर खयाली पुलाव पका रहे हैं। शहर के मुख्य मार्गों सहित कॉलोनियों में अपने ही खर्चे पर फ्लेक्स टांगकर यह कांग्रेस के बड़े नेता बनने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन देवास की कांग्रेस की राजनीति का इन्हें जरा सा भी ज्ञान नहीं है। कांग्रेस पार्टी में निपटाने की प्रथा अभी चरम पर है। इसकी एक बानगी महापौर चुनाव में नजर आ चुकी है। ऐसे में प्रवेश का देवास विधानसभा का सपना धन के आधार पर पूरा हो पाएगा या नही, यह आने वाले दिनों में ही पता चलेगा।
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