सामाजिक समरसता का अद्भुत उदाहरण
एक ही मंडप में तुलसी जी और रैदास परिवार की बेटी का विवाह
देवास।पीपलरावां में देवउठनी एकादशी पर एक खास और अनोखा विवाह आयोजन हुआ, जो सामाजिक समरसता का प्रतीक बन गया। इस अवसर पर माता तुलसी जी और रैदास (रविदास)परिवार की बेटी निकिता शिंदे का विवाह एक ही मंडप के नीचे बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ। विवाह में पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए, विवाह समारोह को और भी विशेष बनाने के लिए दुल्हन निकिता शिंदे को मानव सेवा समिति द्वारा दहेज के रूप में कोई भेंट नहीं दी गई, बल्कि उसे सामूहिक भेंट के रूप में एक नेक संदेश दिया गया।
इस विवाह समारोह का आयोजन मानव सेवा समिति द्वारा किया गया, जिसने यह सुनिश्चित किया कि इस विवाह में पारंपरिक और सामाजिक मूल्य दोनों का सम्मान किया जाए। विवाह के जुलूस की शुरुआत निराला नगर के सिद्धेश्वर महादेव मंदिर से हुई, जहां से भगवान लड्डू गोपाल की बग्घी में सजे सुंदर प्रतिमा के साथ भव्य बारात निकाली गई। इस जुलूस में नगर के प्रमुख मार्गों जैसे सोनकच्छ रोड, इतवारिया बाजार, श्रीराम मार्केट और बस स्टैंड से होते हुए मिठीकुंडी स्थित विवाह स्थल तक पहुंची। इस दौरान मार्ग पर जगह-जगह लोगों ने भगवान की पूजा की और फूलों की वर्षा करके बारात का स्वागत किया।विवाह स्थल पर, तुलसीजी के पिता ने भगवान के चरण पखारकर बारात का स्वागत किया और समारोह को विशेष रूप से आध्यात्मिक और पारिवारिक रंग में रंग दिया। आयोजकों ने सामूहिक भोज के दौरान पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए स्टील की थालियों का इस्तेमाल किया, जिससे ना केवल पर्यावरण की रक्षा हुई, बल्कि समाज में एकजुटता का भी प्रतीक बना।
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