चोरी रोकने पर झूठे मामले में फंसाया, निष्पक्ष जांच की मांग
चोरी रोकने पर झूठे मामले में फंसाया, निष्पक्ष जांच की मांग
देवास(सतवास)।विजय गौड़ की सतवास बस स्टेण्ड पर जनरल स्टोर की दुकान से 5 नवम्बर को सोनल पिता राजेन्द्र ने 4 पेन खरीदे और उसके 10 रूपये दिए थे। चार पेन के पैसे काटकर विजय गौड़ नेे 2 रूपये वापस दिए,उसी समय लड़की ने दो पेंसिल और दो पेन अतिरिक्त चोरी से उठा लिए। चोरी करते हुए मेरी दुकान के बाहर स्टूल पर एक महिला यात्री बस के लिए इंतजार कर रही थी उसने देखा उसने मुझेे बताया कि लड़की द्वारा दो पेंसिल और दो पेन चुराए गए है, जब मेने उक्त पेंसिल और पेन के बारे में लड़की सेे पूछा और उसके हाथ में से पेंसिल और पेन वापस ले लिए और उसको कहा कि तेरा भाई चोरी करता है और तू भी चोरी करती है। इतना कह कर मैं अपने काम में व्यस्त हो गया कुछ देर बाद वो लड़की अपनी मम्मी को लेकर मेरी दुकान पर आकर मुझसे अपशब्द कहने लगी। यह सुनकर मेरी पत्नी घर के अंदर से बाहर आकर खड़ी हो गई थी।
उसी के सामने उस महिला ने मुझे अपनी चप्पल से मारने का प्रयास किया। इतने में मैने गुस्से में आकर उसे डांट कर भगा दिया। महिला ने जाते समय मुझसे कहा कि मैं तुझे बताती हूं तुझे झूठे केस में फंसाउंगी। उसके बाद मैं सतवास थाने पर लड़की एवं महिला के खिलाफ आवेदन देने गया था। उक्त आवेदन पर मौजुद पुलिस कर्मियों ने यह कहकर मुझे लौटा दिया कि छोटा सा मामला है हम उस लड़की को और उसकी मां को समझा देंगे। उनकी बातों में आकर मैं अपने घर लौट गया। किंतुु कुछ समय बाद वह महिला और लड़की मेरे खिलाफ गाली गलौच की रिपोर्ट लिखाने थाने पर गई और मेरे खिलाफ छेड़छाड़ का झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया।
विजय गौड़ 30 वर्षो से शांति समिति के सदस्य है और प्रतिष्ठित समाचार पत्र का संवाददाता भी है। बावजूद उसके बिना जांच किए मुकदमा कायम कर लिया था। जिसकी निष्पक्ष जांच की जाने की मांग को लेकर पत्रकार विजय गौड़ ने पुलिस अधीक्षक देवास को आवेदन दिया गया है और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
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