स्कूली स्वेटर के नाम पर कमीशन बाजी का खेल
सामान्य से अधिक मूल्य पर स्वेटर,ब्लेजर खरीदने के लिए अभिभावकों को किया जा रहा है मजबूर
देवास।ठंड के मौसम ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है।इसी के साथ ऊनि कपड़ो की मांग बढ़ते जा रही है और इस मौसम को अवसर बनाकर कई स्कूल संचालक अभिभावकों की जेब पर डाका डाल रहे हैं। स्कूली स्वेटर और ब्लेजर सहित ट्रेक सूट के नाम पर कमीशन का खेल शुरू हो चुका है।कई स्कूलों ने अपनी पॉलिसी बना रखी है कि बच्चों को स्कूल से ही स्वेटर खरीदना पड़ेगा या बताई गई दुकान से ही स्वेटर लेना होगा। कई स्कूल तो सेशन वाइज स्वेटर डिसाइड कर रहे हैं। सेशन बदलते ही स्वेटर का रंग बदल रहा है भले ही अभिभाषकों ने पिछले वर्ष ही स्वेटर खरीदा हो...।
स्वेटर,ब्लेजर या ट्रेक सूट हर स्कूल की एक निश्चित दुकान है। उसी दुकान से दोगुना दाम देकर गर्म कपड़े लेना पड़ रहे हैं। स्कूल स्वेटर, ट्रेक सूट और ब्लेजर कमीशन वाली दुकानों पर कई गुना महंगे दामों में मिल रहे हैं।
मोनो के स्वेटर के दुगने दाम
स्कूल का मोनो लगने के बाद साधारण स्वेटर ब्लेजर या फिर ट्रैक सूट की कीमत भी ब्रांडेड कपड़े से भी ज्यादा महंगी हो जाती है। कमीशनखोरी के खेल के चलते मार्केट में किसी दूसरी दुकान से स्वेटर और किसी टेलर से ब्लेजर नहीं बनवाया जा सकता है, जबकि कम दामों में यही स्वेटर या ब्लेजर दूसरी दुकानों पर उपलब्ध हैं। इस संदर्भ में चैतन्य टाइम्स टीम ने कुछ अभिभावकों से संपर्क किया और इस विषय पर उनके विचार जाने। अभिभावक राजेश बताते हैं कि पिछले वर्ष ही उन्होंने अपने बेटे को नया स्वेटर दिलवाया था लेकिन इस वर्ष सेशन चेंज हो गया। अभी स्कूल वालों का कहना है कि यह बड़ी कक्षा में आ चुका है और इसके सेशन में अब पुराने कलर का स्वेटर मान्य नहीं हैं, तो आपको नया स्वेटर लेना पड़ेगा। ऐसे में दुविधा यह है कि नया स्वेटर भी लेना है और मुंह मांगी कीमत भी चुकाना है। अभिभावक ममता का कहना है कि बेटे का ब्लेजर कपड़ा खरीद कर बनवाया जाए तो कम बजट में काम हो जाएगा लेकिन बने बनाए ब्लेजर कई अधिक दाम में दुकानों पर मिल रहे हैं और उनकी गुणवत्ता भी अच्छी नहीं है। लेकिन स्कूलों का कहना है कि आपको स्कूल का मोनो लगा हुआ ब्लेजर वहीं से मिलेगा। अब कहीं अधिक दाम चुकाकर और गुणवत्ताहीन चीज लेकर बच्चों को दिलाना पड़ रहा है।
इस विषय से अनजान शिक्षा विभाग...?
शिक्षा विभाग लगातार अपनी महत्ता को खोते जा रहा है। अब जब गर्म कपड़ों के नाम पर कई स्कूलों द्वारा कमीशन के कारण फिक्स दुकानों पर भेजा जा रहा है तो विभाग का यह कर्तव्य बनता है कि अभिभावकों के हित में निर्णय लेकर उन्हें राहत दे, लेकिन हमेशा की तरह शिक्षा विभाग इन विषयों से पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है और जानबूझकर अनजान बनने की शैली अपनाए हुए है।
सामान्य कीमत--
स्वेटर : 300 से 500
ब्लेजर : 800 से 1200
ट्रेक सूट : 700 से 1000
फुल पेंट, शर्ट और स्वेटर :
1200 से 1500 रुपए
मोनो लगने के बाद कीमत
स्वेटर : 600 से 800
ब्लेजर : 1300 से 1600
ट्रेक सूट : 1000 से 1400
फुल पेंट, शर्ट और स्वेटर :
1500 से 1800 रुपए
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