गौ-मांस का परिवहन करने वाले आरोपी को एक वर्ष की सजा,पांच हजार जुर्माना भी
देवास। वर्ष 2016 के अवैध गोमांस परिवहन प्रकरण में न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी को 1 वर्ष की सजा सुनाई है जानकारी देते हुए राजेन्द्र सिंह भदौरिया, जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा बताया गया कि दिनांक 3.06.2016 एवं 4.06.2016 की दरमियानी रात को निरीक्षक उमराव सिह थाना प्रभारी बीएनपी एवं सहायक उपनिरीक्षक एस.एस. मीणा, ड्राईवर के साथ गश्त के दौरान आवास नगर तुलजा बिहार होते हुये मक्सी बायपास रोड चौराहे पर पहुॅचने के बाद थाना बीएनपी के आरक्षकों को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि राबडिया तरफ से एक स्कॉर्पियों एम.पी.04 एच.बी.1170 में कुछ व्यक्ति गौंमास लेकर आ रहे है। उक्त सूचना की तस्दीक हेतु हमराह फोर्स को लेकर सियापुरा राबडिया रोड पर आनंदपुर डुगरिया फाटा पहुॅचकर नाकाबंदी करते हुये गाडी आने का इंतजार किया थोडी देर बाद एक फोर व्हीलर गाडी राबडिया तरफ से आती दिखी जो पुलिस को देखकर कुछ दूरी पहले ही गाडी को रोककर उसमें बैठे व्यक्ति उतरकर जंगल की तरफ भागते हुये नजर आये हमराह स्टाफ की मदद से 01 व्यक्ति को पकडा गया। उससे उसका नाम पता पूछने पर उसने अपना नाम सुभाष पिता ओमप्रकाश बताया और गाडी में दरवाजा खोलकर तस्दीक की तो उसमें रखे बोरों में करीब 02 किंवटल पशु मांस मय पैरों के खुर, खाल सहित होना पाये गये। आरोपी से पूछने पर उसने बताया कि मांस गाय एवं केडों का होना बताकर मांस को बेचने हेतु इन्दौर ले जाना बताया। उक्त अरोपी के विरूद्ध म.प्र. गौवंश वध प्रतिषेघ अधिनियम 2004 एवं म.प्र. कृषक पशु परिरक्षण अधि. 1959 के तहत मामला थाना बीएनपी पर पंजीबद्ध किया गया। एवं अन्य आवष्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, जिला देवास द्वारा निर्णय पारित कर आरोपी सुभाष पिता ओमप्रकाश कुमावत, उम्र 32 साल नि0 आडा कांकड अर्जुन नगर देवास को धारा 5/9 म.प्र. गौवंश वध प्रतिषेध अधि. 2004 में दोषी पाते हुये 01 वर्ष के सश्रम कारावास व 5000/- रूपये के अर्थदण्ड से तथा धारा 08/11 म.प्र. कृषक पशु परिरक्षण अधि. 1959 में दोषी पाते हुये 06 माह के सश्रम कारावास व 1000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
उक्त प्रकरण में शासन की ओर से अभियोजन का सफल संचालन श्रीमती अलका राणा, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी, जिला देवास द्वारा किया गया एवं उक्त प्रकरण में आरक्षक आलोक कानूनगो का विषेष सहयोग रहा।
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