स्कूल की अकड़ बरकरार
देवास। वह कहावत तो आपने सुनी ही होगी एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी इसी कहावत को चरितार्थ करता देवास का होली ट्रिनिटी स्कूल इन दिनों सुर्ख़ियों में बना हुआ है और यह सुर्खिया का कारण स्कूल की शिक्षा व खेल गतिविधियां नही है। बल्कि हिंदू धर्म का अनादर करना और तिलक और कलावा को लेकर घटित घटनाक्रम है। बता दे की स्कूल प्रबंधन द्वारा पिछले दिनों स्कूल के बच्चों को तिलक लगाने से मना कर दिया गया था, जिसके बाद हिंदू संगठनों के विरोध के बाद प्राचार्य ने माफी मांगी थी,वही बच्चों ने स्कूल परिसर में नारे लगाए थे ।लेकिन आज एक पेपर में विज्ञापन देकर स्कूल ने अपना स्पष्टीकरण दिया है और कहा है कि हम सब धर्म का आदर करते हैं,लेकिन स्कूल के अनुशासन का पालन करना जरूरी है।
विज्ञापन के बाद से ही सोशल मीडिया पर चर्चा का दौर है कि एक और स्कूल धार्मिक भावनाओं की कद्र करने की बात कर रहा है,वहीं दूसरी ओर वह स्कूल के अनुशासन का पालन करने के सख्त हिदायत दे रहा है। अर्थात इतना सब होने के बाद भी स्कूल की अकड़ अभी भी बरकरार है। सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि स्कूल के प्राचार्य खुद अपने धर्म का पालन कर रहे हैं तो फिर वह बच्चों को अपने धर्म का पालन करने से क्यों रोक रहे हैं और अनुशासन का पाठ क्यों पढ़ा रहे हैं। आखिर भारत देश में ऐसा कब तक चलेगा कि स्कूल में बच्चे सभी धर्म के सम्मिलित करेगा लेकिन स्कूल के कर्ताधर्ता उन्हें अपने निजी धर्म का पालन करने नही देगे और अपनी मनमानी करेंगे। विज्ञापन के बाद से चर्चाओं का दौर जारी है जो धमने का नाम नही ले रहा है।
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