आर्थिक सहायता राशि के वितरण में अनियमितता
देवास।प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान लगातार अपने भाषणों में कह रहे है कि गलत करने वाले सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों को सरकार छोड़ेगी नही।इसके बाद भी सरकार की छवि धूमिल करने में ये कर्मचारी कसर नही छोड़ रहे है। प्रदेश के कई जिलों में अनियमितता की जानकारी समय समय पर सार्वजनिक हो रही है।देवास में भी इन दोनों ऐसे मामले उजागर हो रहे है।
देवास जिले में वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक के मध्य प्राकृतिक आपदा में वितरित की जाने वाली आर्थिक सहायता राशि का सीएजी द्वारा आडिट किया गया था। सीएजी की ड्राफ्ट रिपोर्ट में आर्थिक सहायता राशि के वितरण में गंभीर वित्तीय अनियमितता प्रतिवेदित की गई थी।
मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के अन्तर्गत संबंधित कर्मचारियों को 15 मई 2023 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर संबंधित से उतर चाहे गये थे। कर्मचारियों द्वारा प्रस्तुत उत्तर में स्वयं के द्वारा गलती स्वीकार करते हुवे संबंधित राशि पुनः शासकीय खजाने में जमा करायी गयी। इससे संबंधित कर्मचारी द्वारा अपना दोष स्वीकार किया है। इसी प्रक्रिया में 8 कर्मचारियों को निलंबित किया गया है, सभी कर्मचारियों पर कार्यवाही प्रचलित है।
ये रहे नाम-
प्राकृतिक आपदा पीडित व्यक्तियों को प्रदान की जाने वाली आर्थिक सहायता राशि के वितरण में अनियमितता करने वाले कर्मचारी पटवारी अनिल मालवीय तहसील टोंकखुर्द, पटवारी दिनेश सिसोदिया तहसील खातेगांव,पटवारी दिलीप यादव तहसील खातेगांव, पटवारी अमित कुशवाह तहसील खातेगांव, पटवारी अजय चौधरी तहसील सोनकच्छ, पटवारी महेन्द्र मण्डलाई तहसील खातेगांव, पटवारी भैयालाल नरगावे तहसील खातेगांव तथा सहायक ग्रेड-3 राहुल कर्मा तहसील कन्नौद को निलंबित कर विभागीय जांच संस्थित है। पटवारी अनिल धुर्वे तहसील खातेगांव, पटवारी अनिरूद्ध तहसील खातेगांव, पटवारी अर्जुन वर्मा तहसील सतवास, पटवारी बंशीलाल डावर तहसील खातेगांव, पटवारी नन्दकिशोर शर्मा तहसील खातेगांव, पटवारी नवीन दिमान तहसील खातेगांव, पटवारी प्यारसिंह सोलंकी तहसील सतवास, राहुल माली सहायक ग्रेड-3 तहसील टोंकखुर्द, पटवारी रामोवतार जोलवाल तहसील सतवास, पटवारी रायसिंह देवडा तहसील खातेगांव, पटवारी समरथ जांगडे तहसील टोंकखुर्द, पटवारी विकास सराठिया तहसील खातेगांव पर विभागीय जांच संस्थित की है।
संबंधित कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय जांच संस्थित की जाकर प्रस्तुतकर्ता अधिकारी संबंधित तहसीलदार व जांचकर्ता अधिकारी प्रभारी अधिकारी भू-अभिलेख को नियुक्त कर जांच प्रतिवेदन दो माह में प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया है।
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