दहेज का लगातार दबाव झेल रही महिला ने की थी आत्महत्या, अब न्यायालय ने आरोपी पति को सलाखों के पीछे भेजा
देवास।जिला लोक अभियोजन अधिकारी राजेन्द्र सिंह भदौरिया द्वारा बताया गया कि मृतिका रानी मंसूरी का विवाह दिनांक 12.02.2014 को अभियुक्त अकिल उर्फ अब्दुल मंसूरी के साथ हुआ था। आरोपी पति ने मृतिका पत्नी को विवाह के 1 वर्ष तक अच्छे से रखा परन्तु 1 वर्ष के पश्चात पुत्र का जन्म होने के उपरान्त अभियुक्तगण ने मृतिका को छोटी-छोटी बातों के लिये प्रताडित करने लगे।
मृतिका को ताने मारे जाने लगे कि वह अपने पिता के घर से कुछ नहीं लाई है और इसके साथ ही उसे उसके पिता के घर से पैसे लाने की बात को लेकर प्रताडित करने लगे। इसी दौरान मृतिका के पिता के द्वारा अभियुक्तगण नसीम बी एवं अब्दुल उर्फ अकिल मंसूरी को एक लाख रूपये दहेज के रूप में दिये गये। परन्तु इसके पश्चात भी अभियुक्त अब्दुल मंसूरी मकान खरीदने की बात को लेकर मृतिका से 25000/- रूपये की मांग कर रहा था और दिनांक 15.12.2018 को रानी मंसूरी द्वारा अपने ससुराल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली गई। जब मृतिका की आत्महत्या करने की सूचना उसके पिता व अन्य परिजनों को मिली तो मृतिका के पिता इरफान मंसूरी ने दिनांक 16.12.2018 को अभियुक्तगण के विरूद्ध थाना कोतवाली रिपोर्ट दर्ज करवाई गई।
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, जिला देवास द्वारा निर्णय पारित कर आरोपी अकिल उर्फ अब्दुल मंसूरी को भादंसं की धारा 304-बी में 07 वर्ष का सश्रम कारावास व भादंसं की धारा 498-ए में 02 वर्ष का सश्रम कारावास व 3000/- जुर्माना तथा दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 04 में 01 वर्ष का सश्रम कारावास व 2000/- रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।उक्त प्रकरण में शासन की ओर से अभियोजन का सफल संचालन मनोज कुमार निगम, अपर लोक अभियोजक, जिला देवास द्वारा किया गया।
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