भारतीय सेना के जवानों का सम्मान कर मनाया श्री हनुमान जन्मोउत्सव
अपने वार्ड को स्वच्छ रखने का ले संकल्प-सभापति जैन
अपने बच्चों को ये आदत डालें की आप प्रतिदिन अपने कार्य की शुरुवात या कही भी जाने से पहले मंदिर जाकर प्रभु के दर्शन जरूर करे-भजन गायक मंत्री
देवास।मोती बंगला स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में संकट मोचन बाबा हनुमान जी महाराज के जन्मोत्सव के अवसर पर बाबा बाल हनुमान के नयनाभिराम श्रृंगार किया गया।इस अवसर पर मंदिर समिति द्वारा संगीतमय हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन भी किया गया। प्रसिद्ध भजन गायक द्वारका मंत्री एवं अनूप जैन और उनकी टीम द्वारा सुमधुर वाणी से हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। श्री राम प्रभु स्तुति से प्रारंभ हुए इस कार्यक्रम में मंदिर प्रांगण में बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित थे।
श्री मंत्री ने इस अवसर पर श्री राम जय राम जय जय राम की धुन से कार्यक्रम को भक्ति भाव से परिपूर्ण कर दिया। सिंदूर चढ़ाने से हर काम होता है श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में आज हनुमान जन्मोत्सव है, जैसे भजनों से उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम संयोजक पंडित प्रीतेश शर्मा ने सभी कलाकारों के साथ भजन गायक द्वारका मंत्री,अनूप जैन का स्वागत किया,साथ ही भारतीय सेना के दो जवान हर्षवर्धन व जयवर्धन दोनों सगे भाई सहित जज बने श्री राठौर बने जो मोती बंगला क्षेत्र के ही निवासी हैं सम्मान किया गया, उपस्थित सभी श्रोताओं ने एक साथ सैल्यूट कर जय हिंद का उद्घोष किया।
इस अवसर पर उपस्थित वार्ड पार्षद एवं सभापति रवि जैन ने सफाई व्यवस्था एवं आगामी निर्माण कार्यों की जानकारी दी और वार्ड को सुंदर रखने के लिए सभी को संकल्प भी दिलवाया। भजन गायक मंत्री ने उपस्थित अभिभावकों से अनुरोध किया कि वे अपने बच्चों को ये आदत डालें की प्रतिदिन अपने कार्य की शुरुवात से पहले मंदिर जाकर प्रभु के दर्शन जरूर करे,साथ ही देवास शहर को तथा भारत माता की इस पावन भूमि को स्वच्छ रखने में हम सभी अपना योगदान देंगे ना कचरा करेंगे ना किसी को करने देंगे।
अतिथि के रूप में उपस्थित वार्ड पार्षद व सभापति रवि जैन, पूर्व पार्षद मिलिंद सोलंकी,पूर्व महापौर सुभाष शर्मा सहित समस्त क्षेत्रवासियों व मंदिर के वरिष्ठ कार्यकर्ताओ की उपस्थिति में महाआरती संपन्न हुई,माता- बहनों द्वारा अपने -अपने घरों से दीप लाकर बाबा बाल हनुमान की आरती की गयी। वार्डवासियों सहित शहर की धर्मप्रेमी जनता ने भंडारे में महाप्रसादी ग्रहण की।
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