भैरवगढ़ जेल की तर्ज पर बागली के शासकीय कॉलेज में घोटाला
ढाई करोड की हेराफेरी प्राचार्य,लेखापाल व उसके सहयोगी के खिलाफ प्रकरण दर्ज
देवास/बागली।शिक्षा क्षेत्र में लगातार कई ऐसे मामले देखने को और सुनने को मिलते है जो इस क्षेत्र की वास्तविकता को सबके सामने लाकर इस पर विश्वास करने वालो की आँखे खोल देते है।इस बार एक बड़ा मामला देवास जिले के बागली क्षेत्र में घटा है। जिले के बागली में शिक्षा के एक मंदिर में हुए ढाई करोड़ के गबन का खुलासा होने के बाद एक बार फिर शिक्षा जगत शर्मसार हो गया है। इस गबन मामले में फिलहाल पुलिस ने कालेज के प्राचार्य, लेखापाल व उसके सहयोगी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लेखापाल व सहयोगी को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री स्व.कैलाश जोशी शासकीय महाविद्यालय बागली में गबन का बड़ा मामला प्रकाश में आने के बाद उज्जैन से एक जांच दल बागली आया था और उसने पूरी पारदर्शिता के साथ जब मामले की जांच की तो पता चला कि कालेज के लेखापाल विजयशंकर त्रिपाठी व उसके सहयोगी रोहित दुबे ने मिलकर लगभग ढाई करोड़ रुपये का गबन किया है और इस गबन में प्राचार्य केशरसिंह की भी लिप्तता सामने आई। इसके बाद तीनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर विजयशंकर त्रिपाठी व रोहित दुबे को हिरासत में ले लिया है। जबकि प्राचार्य अभी पुलिस गिरफ्त से दूर है। थाना प्रभारी बी.डी. बीरा ने बताया कि लेखापाल त्रिपाठी द्वारा फर्जी तरीके से 2 करोड़ 51 लाख रुपये का गबन किया गया है। यह आंकड़ा प्रथम दृष्टयां सामने आया है।
जबकि पूरे मामले की जांच अभी चल रही है। संभव है यह राशि अभी ओर भी बढ़ सकती है। बुधवार को आरोपी लेखापाल विजयशंकर त्रिपाठी व रोहित दुबे को कालेज ले जाया गया, जहां पर पूछताछ के साथ ही कुछ दस्तावेज भी खंगाले गए। बताया जा रहा है कि इन दोनों ने मिलकर फर्जी तरीके से पीएफ, टी.ए., डी.ए., व जीएफए की राशि में गबन किया है। जांच के दौरान पुलिस ने लगभग 5 लाख की एफडी के कागज व कुछ अन्य दस्तावेज जब्त किये है। साथ ही आरोपियों की अचल संपत्ति, बैंक लॉकर व कुछ खातों को भी सीज किया गया है। बागली में गबन का यह अब तक का सबसे बड़ा मामला माना जा रहा है।
खास बात यह है कि आरोपी विजयशंकर त्रिपाठी की पत्नी अरूणा त्रिपाठी भाजपा महिला मोर्चा मंडल बागली की अध्यक्ष है। जानकारी के अनुसार लेखापाल त्रिपाठी ने वर्ष 2002 से लेकर 2023 के बीच बागली में करोड़ों की संपत्ति खरीदी है, जिसकी छानबीन अब पुलिस द्वारा की जा रही है। वहीं त्रिपाठी द्वारा अपने सहयोगी दुबे के खाते में लगभग 50 लाख रुपये का भुगतान किया था। बताया तो यहां तक जा रहा है कि कुछ दिनों पूर्व दुबे का विवाह हुआ था, जिसका खर्च भी त्रिपाठी द्वारा उठाया गया था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों मिलकर किस तरह शासकीय राशि का गबन कर रहे थे।
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