मूक व मंदबुद्धि महिला के साथ रेप,आरोपियों को 10-10 वर्ष सश्रम कारावास


देवास।राजेन्‍द्र सिंह भदौरियाजिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा बताया गया कि दिनांक 07.11.20 को किसी अज्ञात व्‍यक्ति द्वारा अभियोक्‍त्री/पीड़िता को जिला चिकित्‍सालय देवास ले जाया गयाजहां डॉ. द्वारा अभियोक्‍त्री का परीक्षण कर यह अभिमत दिया गया कि अभियोक्‍त्री बहुविकलांग है। इसके पश्‍चात् मूक-बधिर विशेषज्ञ द्वारा अभियोक्‍त्री की काउंसलिंग करवाई गई और विशेषज्ञ द्वारा अभियोक्‍त्री के इशारे तथा भाव-भंगिमा समझकर अभियोक्‍त्री द्वारा बताई गई घटना का अनुवाद कर लेख किया गया। परीक्षण के दौरान ज्ञात हुआकि मूक-बधिर अभियोक्‍त्री की मानसिक व शारिरीक अक्षमता का लाभ उठाकर किसी अज्ञात व्‍यक्ति द्वारा बलात्‍संग कारित किया गया है। जिस कारण वह गर्भवती हुई है। दिनांक 22.11.20 को थाना बीएनपी देवास द्वारा अज्ञात व्‍यक्ति के विरूद्ध अपराध क्रमांक 587/20 पंजीबद्ध कर प्रकरण का अन्‍वेष्‍ण प्रारंभ किया गया। अन्‍वेषण के दौरान अभियुक्‍त मंगलनाम द्वारा संचालित कबीर आश्रम जामगोद एवं चूना खदान देवास से समब्‍द्ध व्‍यक्तिायों के डीएनए परीक्षण करवाये गए। अन्‍वेषण के दौरान ही अभियोक्‍त्री की पुन: काउंसलिंग करवाई गई और संदेहियों के फोटोग्राफ एक टेबिल पर रखकर अभियोक्त्री से पहचान करवाई गईतो अभियोक्‍त्री/पीड़िता ने अभियुक्‍तगण/आरोपियों को  पहचानकर प्रकट किया कि इन अभियाक्‍तगण द्वारा उसके साथ एक से अधिक बार बलात्‍संग कारित किया। 


अभियोक्‍त्री एवं उसकी नवजात पुत्री का डीएनए परीक्षण कराया गया और एफएसएल से प्राप्‍त प्रतिवेदन के अनुसार अभियुक्‍त भारत राव ही अभियोक्‍त्री की नवजात पुत्री का जैविक पिता पाया गया। अभियुक्‍त मंगलनाम को अभियुक्‍तगण द्वारा अभियोक्‍त्री के साथ बलात्‍संग की जानकारी होने के बावजूद पुलिस को इत्तिला नहीं दी गई और उसके द्वारा कबीर आश्रम चूना खदान देवास को बिना किसी वैध रजिस्‍ट्रीकरण प्रमाण पत्र के संचालित किया जाना पाया गयाजिसके संबंध में सामाजिक न्‍याय एवं नि:शक्‍तजन कल्‍याण देवास एवं उप संचालकपशु चिकित्‍सा सेवाएं देवास से जानकारी प्राप्‍त की गई। अन्य आवश्‍यक अनुसंधान उपरान्त अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। उक्‍त प्रकरण गंभीर जघन्‍य सनसनीखेज की श्रेणी में चिन्हित था।

 प्रथम अपर सत्र न्‍यायाधीशजिला देवास द्वारा निर्णय पारित कर अभियुक्‍त मंगलनाम सैंधव को भादंसं की धारा 202 में 02 माह का सश्रम कारावास व 1000/तथा दिव्‍यांगजन अधिनियम की धारा 50 सहपठित धारा 89 में 4000/- रूपये जुर्माना तथा अभियुक्‍तगण भारतसिंह रावदलपसिंह ऊर्फ दलब एवं मिथुन चौरिसया को भादंसं की धारा 376(2)(एन) में 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000-5000 रूपये के जुर्माने से दंडित किया गया।  

 उक्‍त प्रकरण में शासन की ओर से अभियोजन का सफल संचालन  जगजीवनराम सवासिया एवं श्रीमती अलका राणा, सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारीजिला देवास द्वारा किया गया तथा प्रकरण की विवेचना ज्‍योति पाटीदारउपनिरीक्षकथाना प्रभारी मुकेश इजारदारनिरीक्षक आर.सीकल्थिया एवं निरीक्षक लीला सोलंकी द्वारा की गई तथा कोर्ट मोहर्रिर आरक्षक शंकर पटेल का सहयोग रहा।

 

 

                                                                                     

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