साल 1967 के छात्र पहुँचे अपने स्कूल,अपनी कक्षा में जाकर बेंच पर बैठे सभी किस्से और यादों को याद कर आनंदित हो उठे
देवास। छात्र जीवन कभी भी भुलाए नहीं भूलता,चाहे आप किसी भी पद पर पहुंच जाएं या कितने भी बड़े बन जाएं लेकिन छात्र जीवन की वह यादें सदैव आपके जीवन में आपको आनंदित करने के लिए पर्याप्त होती है।छात्र का अपने विद्यालय से एक अटूट संबंध होता है अपनी इन्हीं यादों को तरोताजा करने के उद्देश्य से नारायण विद्या मंदिर क्रमांक-1 देवास के साल 1967 में उत्तीर्ण होकर संस्था से निकले पूर्व छात्रों ने विद्यालय का भ्रमण किया एवं छात्र जीवन की स्मृतियों को पुन जीवंत किया। शिक्षा महाविद्यालय से सेवानिवृत्त हुए पूर्व प्राचार्य विजय श्रीवास्तव ने अपने साथियों अभय मेहता देवास किर्लोस्कर से रिटायर्ड, रमेश सोनी सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, सुनील सुपेकर नासिक प्रोफेसर,मोहन सिंह ठाकुर इंदौर बैंक ऑफ बड़ोदा, महेश बिंदल देवास जनता बैंक, अजय पुराणिक इंदौर एजीएम स्टेट बैंक, रमेश दुबे भोपाल भेल, कोमल राव बोराडे इंदौर बैंक ऑफ बड़ौदा ,महेश तिवारी, दिलीप मेहता देवास सहित सभी ने विद्यालय की कक्षाओं, प्रयोगशालाओं एवं पुस्तकालय का अवलोकन किया और जिस कक्षा में पढ़ते थे।
उस कक्षा में जाकर बेंच पर बैठे एवं आनंद लिया। इन सभी ने 1966 -67 में हायर सेकंडरी पास की थी। ये सब अब रिटायर्ड हैं। अपनी मातृ संस्था में आकर सभी आनंदित हुए। उस समय के शिक्षको और घटनाओ को याद किया। अवलोकन करने के बाद स्कूल की वर्तमान व्यवस्था और अनुशासन की प्रशंसा करते हुए संस्था के विकास में सभी ने सहयोग करने इच्छा व्यक्त की। इस अवसर पर संस्था के प्रभारी प्राचार्य कैलाशचन्द्र गुप्ता ने विद्यालय की सतत प्रगति के विषय में जानकारी दी। सभी पूर्व छात्रों का विद्यालय आगमन पर संस्था के शिक्षक मिर्जा मुशाहिद बैग ने स्वागत किया एवं संस्था छात्र हित में सुझाव एवं मार्गदर्शन देने का अनुरोध किया ।
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