न्यायालय ने बलात्कार के आरोप से किया दोषमुक्त
पैसों की मांग पूरी नहीं करने पर बलात्कार का प्रकरण करवाया था दर्ज
देवास। वर्तमान युग में रुपया पैसा ही सब कुछ हो गया है।इसी पैसों के लालच में आकर व्यक्ति कानून का भी गलत उपयोग करने लगा है।ऐसे हजारों मुकदमे आज न्यायालय में विचाराधीन हैं।ऐसे ही एक प्रकरण में न्यायालय ने बलात्कार के आरोप की सजा काट रहे व्यक्ति/आरोपी को दोषमुक्त किया। दोषमुक्त हुए आरोपी के वकील देवेंद्र व्यास ने बताया कि प्रकरण 2019 में सिविल लाइन थाने पर दर्ज करवाया गया था।राधेश्याम उर्फ डेबु पर धारा 363, 366, 376, 376 ( 2 ) एन, 376 ( 3 ) भा. दं. सं. 3 सहपठित धारा 4. 5एल सहपठित धारा 6 5जे (ii) पॉक्सो एक्ट में प्रकरण दर्ज किया गया था।राधेश्याम लगभग 2 वर्षो से जेल में सजा काट रहा था।न्यायाधीश,(पॉक्सो एक्ट 2012) / प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश देवास के द्वितीय अतिरिक्त न्यायाधीश,जिला देवास म.प्र. ने सभी पक्षो/गवाहों को सुनने के बाद राधेश्याम को सभी धाराओं से दोषमुक्त किया।
राधेश्याम और अभियोक्त्री(महिला)आपस मे प्रेम करते थे और राजिमर्जी से साथ रह रहे थे,लेकिन अभियोक्त्री के परिजन/पिता ने राधेश्याम से पैसों की मांग की,मांग पूरी नही करने पर गलत जानकारी दी और विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज करवा दिया।प्रकरण न्यायालय में चला और सभी गवाहों को सुनने के बाद न्यायालय ने फैसला सुनाया।अधिवक्ता व्यास ने आगे बताया कि प्रकरण में शुरुवात से साजिश की सम्भावनाये बन रही थी।राधेश्याम को उचित न्याय मिले और वह पुनः अपना सामान्य जीवन जिये यही मंशा को रख कर प्रकरण में निःशुल्क पैरवी भी की ।
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