जिले के शासकीय स्कूलों की रंगाई-पुताई व मरम्मत में धांधली की आशंका
दबाव डालकर कर प्राचार्यों से लिये गए कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र
देवास। मप्र सरकार ने शासकीय स्कूलों को सुंदर व सुव्यवस्थित बनाने के लिए गत वर्ष देवास जिले के 140 स्कूलों में 3-3 लाख रुपये की राशि आवंटित की थी, इस राशि से स्कूलों में मरम्मत, रंगाई-पुताई कार्य होना था, किंतु स्कूलों में पहली किश्त के रूप में फरवरी 2023 को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये भेजे गए और अब एक वर्ष बीत जाने के बाद भी शेष उेढ़-डेढ़ लाख रुपये की राशि स्कूलों को प्राप्त नहंी हुई है। बावजूद इसके संबंधित स्कूलों के प्राचार्य से ठेकेदार ने दबाव बनाकर कार्य पूर्णता के प्रमाण पत्र हथिया लिये है। अब देखना है कि कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी होने के बाद शेष डेढ़ लाख रुपये की राशि स्कूलों को प्राप्त होती है या नहीं?। प्राप्त जानकारी के अनुसार गत वर्ष संजय शुक्ला अपर संचालक (वित्त) लोक शिक्षण मप्र के हस्ताक्षर से जारी आदेश में देवास जिले के 140 शासकीय स्कूलों को 3-3 लाख रुपये आवंटित करने की सूची जारी हुई थी। इसमें स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए थे कि स्कूलों में कार्य करने से पूर्व व बाद के फोटो उपलब्ध कराए जाए। साथ ही कार्य पूर्ण होने पर कार्य पूर्णता का प्रमाण पत्र भी जारी किया जाए। इस आदेश जारी होने के बाद सरकार द्वारा स्कूलों के खाते में प्रथम किश्त के रूप में डेढ़-डेढ़ लाख रुपये भेज दिए गए। इस राशि से स्कूल प्रबंधन ने मरम्मत कार्य, रंगाई-पुताई, भूमि समतलीकरण, पेवर्स ब्लॉक आदि लगाने का कार्य करवा लिए और शेष डेढ़ लाख की राशि आने का इंतजार करने लगे। स्कूल प्राचार्यों को उम्मीद थी कि दूसरी किश्त के रूप में डेढ़ लाख रुपये जल्द ही उनके खाते में आ जाएंगे, किंतु एक वर्ष बीतने को आया और राशि स्कूलों के खाते में नही आई है। जबकि कई प्राचार्यों ने कार्य पूर्णता के प्रमाण पत्र जारी कर दिए है। ऐसे स्कूल प्राचार्यों का कहना है कि हमने ठेकेदारों व वरिष्ठ अधिकारियों ने दबाव बनाकर कार्य पूर्णता के प्रमाण पत्र ले लिए है। जबकि कुछ प्राचार्यों ने प्रमाण पत्र जारी नहीं किए है। एक प्राचार्य ने तो अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ठेकेदार ने उन्हें 50 लाख रुपये का प्रलोभन भी दिया था। इससे साफ जाहिर होता है कि स्कूलों की मरम्मत व पुताई कार्य के लिए आई राशि में किस हद तक धांधली हुई होगी। अब सवाल यह उठ रहा है कि कुल आवंटित राशि में से आधी राशि का ही कार्य हुआ है और पूर्णता प्रमाण क्यों लिए जा रहे है?। उधर कुछ स्कूलों में तो डेढ़ लाख रुपये का भी काम नहीं हुआ है, बल्कि औपचारिकता पूरी कर दी गई है।
जामगोद के नवीन स्कूल भवन में हुआ मरम्मत कार्य
कहने को सरकार लाखों-करोड़ों रुपये खर्च कर ग्रामीण क्षेत्र में स्कूल भवन बना रही है, ताकि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी वहां पर बैठकर अध्ययन करें, किंतु ठेकेदार व अधिकारी मिलकर सरकार की इस मंशा पर पानी फेर रहे है। जिसका उदाहरण देवास विकासखंड के ग्राम आने वाले ग्राम जामगोद में देखने को मिलता है। जामगोद में एक पहाड़ी पर 2020 में 1 करोड़ 75 लाख की लागत से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भवन बनाया गया था और 21 नवंबर 2021 को क्षेत्रीय विधायक-सांसद ने इसका उद्घाटन कर उक्त भवन शिक्षा विभाग को सौंप दिया गया था, किंतु इस नवीन भवन में ही दो साल बाद ही मरम्मत व रंगाई-पुताई कार्य करवाना पड़ा, क्योंकि ठेकेदार ने गुणवत्ताहीन कार्य किया था। लिहाजा गत वर्ष डेढ़ लाख की राशि से स्कूल की बाथरूम, छत व दीवारों की मरम्मत करने के साथ ही रंगाई-पुताई की गई है। इसी तरह सिरोलिया के कन्या हाईस्कूल व शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में भी डेढ़-डेढ़ लाख रुपये खर्च किए गए है। यहां पर रंगाई-पुताई के साथ टाइल्स, खिड़की, दरवाजे व पेवर्स ब्लॉक लगाए गए है। बताया जा रहा है कि सिरोलिया में तो बैंक नोट प्रेस द्वारा रंगाई-पुताई कार्य किया गया था। बावजूद इसके यहां पर शासन द्वारा जारी की गई राशि खर्च होना बताई गई है। इन सब कायों को देखते हुए लगने लगा है कि आदिम जाति कल्याण विभाग की तर्ज पर शिक्षा विभाग में भी बड़ा घोटाला हुआ है। यदि इस पूरे मामले की जांच हो जाए तो कई धांधली व अनियमितता सामने आ सकती है।
राज्य सरकार ने गत वर्ष इस योजना के अंतर्गत पहली किश्त के रूप में डेढ़-डेढ़ लाख रुपये जारी किये थे, जो स्कूलों के खाते में डाल दिए गए थे। इस राशि से कार्य भी हो चुका है। हमें उम्मीद थी कि दूसरी किश्त भी जल्दी आ जाएगी और उस राशि से काम भी करवा लिया जाएगा, इसीलिए कार्य पूर्णता के प्रमाण पत्र ले लिए थे, किंतु ऐसा नहीं है कि शेष राशि आने के बाद कार्य नहीं होगा। उससे भी मरम्मत व रंगाई-पुताई करवाई जाएगी। तब शेष राशि से किए गए कार्य का पूर्णता प्रमाण पत्र भी लिया जाएगा।
हीरालाल खुशाल
जिला शिक्षा अधिकारी
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गत वर्ष डेढ़-डेढ़ लाख रुपये स्कूलों को जारी किए गए थे। उसके बाद दूसरी किश्त राज्य सरकार ने भेजी नहीं है। जब भी राशि आएगी, तब डेढ़-डेढ़ लाख रुपये ओर स्कूलों में भेज दिए जाएंगे, जिससे मरम्मत कार्य व रंग-रोगन कार्य किया जाएगा।
ओ.पी. दुबे
अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक
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